पहले भी तेरे दर्द का,
एहसास था मुझे,
आज भी उस दर्द का,
एहसास हो रहा है।
आखों में नमी थी,
उस वक्त भी मेरे,
आज भी उस नमी का,
एहसास हो रहा है।
जो खा़ब कल तेरे थे,
आज मेरी आखों में नजर आते है।
जिन एवानों को तूने बनाया था,
उनको आज हम सजाते हैं।
ख्वाहिश है तेरे मंका में,
एक तस्वीर ही बन जाऊं।
कभी तो तेरी नजरें करम होंगी,
और मैं भी एक बार संवर जाऊं।
रात के तसव्वुर में,
ये सफर हो रहा है।
आखों में नमी थी,
उस वक्त भी मेरे,
आज भी उस नमी का,
एहसास हो रहा है।
...........
एहसास था मुझे,
आज भी उस दर्द का,
एहसास हो रहा है।
आखों में नमी थी,
उस वक्त भी मेरे,
आज भी उस नमी का,
एहसास हो रहा है।
जो खा़ब कल तेरे थे,
आज मेरी आखों में नजर आते है।
जिन एवानों को तूने बनाया था,
उनको आज हम सजाते हैं।
ख्वाहिश है तेरे मंका में,
एक तस्वीर ही बन जाऊं।
कभी तो तेरी नजरें करम होंगी,
और मैं भी एक बार संवर जाऊं।
रात के तसव्वुर में,
ये सफर हो रहा है।
आखों में नमी थी,
उस वक्त भी मेरे,
आज भी उस नमी का,
एहसास हो रहा है।
...........
प्रीती बङथ्वाल "तारिका"
बहुत खूब।
ReplyDeleteजो खा़ब कल तेरे थे,
आज मेरी आखों में नजर आते है।
पूरी की पूरी कविता एक एहसास ही है.... एकदम चेतन जैसे अभी आँखों से पसीना निकल आएगा
ReplyDeleteअपने मनोभावों को बहुत खूबसूरती से पेश किया है।
ReplyDeleteजो खा़ब कल तेरे थे,
आज मेरी आखों में नजर आते है।
bahut sundar badhai.
ReplyDeletebahut badhiya likha...baht khuab
ReplyDeleteबहुत उम्दा..वाह!! ऐसे ही लिखते रहें, शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteख्वाहिश है तेरे मंका में,
ReplyDeleteएक तस्वीर ही बन जाऊं।
कभी तो तेरी नजरें करम होंगी,
और मैं भी एक बार संवर जाऊं।
bahut khoobsoorat likhtii hein aap...aise hii likhtii rahein...
merii shubhkaamna ...
prayaas achcha hai...
ReplyDeleteshubhkamnaen!!
khwaab isi tarah aankh dar aankhon me ghumte hin,
ReplyDeletenami hi zindagi ka falsafa hai......
bhut achha likhti ho
प्रीती जी बहुत उम्दा नज़्म है..लिखती रहे ...बधाई
ReplyDeleteख्वाहिश है तेरे मकान में,
ReplyDeleteएक तस्वीर ही बन जाऊं।
ख़्याल को तोड़कर जीवन के धागे में फिर पिरो दिया! वाह!
प्रीती, भावो के उतार चढाव को अच्छे से आपने अपनी कलम से पेश किया है। अति सुन्दर शुभकामनायें।
ReplyDeletelagataar likhti rahein. aapki rachnayein anant sambhaavnayei jaga rahi hain. Badhai.
ReplyDeleteवाह मुझे बहुत अच्छा लगा यहां पर आना बहुत अच्छी रचनाओं का संसार
ReplyDelete