चिराग़ जल के मेरा,
बुझ जाएगा,
मुझे इन्तज़ार है फिर भी,
कि तू आएगा,
खुली आंखों में न सही,
बन्द पलकों के तले,
वो एक आंसू की बूंद-सा,
ठहर जाएगा,
मुझे इन्तज़ार है फिर भी,
कि तू आएगा।
न इस तरहा से मुझे,
भूल जाने की कौशिश कर,
मैं तेरा ही ख्वाब हूं,
तू मुझे भूल नही पाएगा,
मुझे इन्तज़ार है फिर भी,
कि तू आएगा।
..............
बुझ जाएगा,
मुझे इन्तज़ार है फिर भी,
कि तू आएगा,
खुली आंखों में न सही,
बन्द पलकों के तले,
वो एक आंसू की बूंद-सा,
ठहर जाएगा,
मुझे इन्तज़ार है फिर भी,
कि तू आएगा।
न इस तरहा से मुझे,
भूल जाने की कौशिश कर,
मैं तेरा ही ख्वाब हूं,
तू मुझे भूल नही पाएगा,
मुझे इन्तज़ार है फिर भी,
कि तू आएगा।
..............
प्रीती बङथ्वाल "तारिका"
(चित्र- सभार गुगल )
काबिले तारिफ जज्बा-
ReplyDeleteन इस तरहा से मुझे,
भूल जाने की कौशिश कर,
मैं तेरा ही ख्वाब हूं,
तू मुझे भूल नही पाएगा,
प्रीती जी आप की कविता बहुत ही सुन्दर है । बहुत ही अच्छा प्रयास किया आपने । पढ़ कर दिल खुश हुआ। बधाई स्वीकार करें
ReplyDeleteभूल जाने की कौशिश कर,
ReplyDeleteमैं तेरा ही ख्वाब हूं,
तू मुझे भूल नही पाएगा,
मुझे इन्तज़ार है फिर भी,
कि तू आएगा।
बहुत ख़ूब...
खुली आंखों में न सही,
ReplyDeleteबन्द पलकों के तले,
वो एक आंसू की बूंद-सा,
ठहर जाएगा,
न इस तरहा से मुझे,
भूल जाने की कौशिश कर,
मैं तेरा ही ख्वाब हूं,
तू मुझे भूल नही पाएगा,
मुझे इन्तज़ार है फिर भी,
कि तू आएगा।
अच्छा है.
वाह हमेशा की तरफ रचना के साथ साथ फोटो भी
ReplyDeleteलाजवाब।
खुली आंखों में न सही,
ReplyDeleteबन्द पलकों के तले,
वो एक आंसू की बूंद-सा,
ठहर जाएगा,
khubsurat si abhivyakti
मैं तेरा ही ख्वाब हूं,
ReplyDeleteतू मुझे भूल नही पाएगा,
बहुत खूबसूरत ख्वाब ... शुभकामनाएं !
अति सुंदर !
ReplyDeleteआगे भी ऐसी रचना का इंतजार रहेगा ।
मैं तेरा ही ख्वाब हूं,
ReplyDeleteतू मुझे भूल नही पाएगा,
मुझे इन्तज़ार है फिर भी,
कि तू आएगा।
touching my heart...
jari rahe..
जी उम्मीद पर दुनिया टिकी है .
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर पंक्तियाँ . बधाई .
न इस तरहा से मुझे,
ReplyDeleteभूल जाने की कौशिश कर,
मैं तेरा ही ख्वाब हूं,
तू मुझे भूल नही पाएगा,
मुझे इन्तज़ार है फिर भी,
कि तू आएगा।
bahut khoob.....
बहुत सुंदर..
ReplyDeleteएक मुकम्मल आज़माइश होती है
ReplyDeleteदर्द देने की और उसे सहने की सीमा की
इंतज़ार करने की और करवाने की सीमा की
पार पहुँचने के लिए विश्वास ज़रूरी है
बहुत सुंदर कविता
आप सभी का आभार
ReplyDeleteA Very touching Poem
ReplyDeleteप्रीती जी एक बेहतरीन कविता के लिए पहले तो आपको बहुत बहुत बधाई आपकी लेखनी का कायल हो गया हूं मैं तो बोले तो फैन आई सैल्यूट यू फोर ए वेरी नाईस पोयम
ReplyDeleteरियली वेरी गुड एंड कीप इट अप
Bahut hi sundar...
ReplyDeletepreetiji!
ReplyDeleteaapki abhivyakti aur bhav bahut achcha hai.
कविता की हर पंक्ति दिल को छू गई !!
ReplyDelete-- शास्त्री जे सी फिलिप
-- समय पर प्रोत्साहन मिले तो मिट्टी का घरोंदा भी आसमान छू सकता है. कृपया रोज कम से कम 10 हिन्दी चिट्ठों पर टिप्पणी कर उनको प्रोत्साहित करें!! (सारथी: http://www.Sarathi.info)
वो एक आंसू की बूंद-सा,
ReplyDeleteठहर जाएगा,
मुझे इन्तज़ार है फिर भी,
कि तू आएगा।
these lines realy sothness to my mind
compostion can be better
good job done
तुमने पुकारा और हम चले आये।।।।हे हे बुरा ना माने यूँ ही मजाक कर रहा हूँ, बहुत अच्छा लिखा है बकिया चर्चा में लेकिन एक बात बतायें तरहा होगा या तरह?
ReplyDeleteचिराग़ जल के मेरा,
बुझ जाएगा,
मुझे इन्तज़ार है फिर भी,
कि तू आएगा,
my 2 cents
मेरा घर फिर से
रोशन हो जायेगा
उस शमा से जो तू
अपने साथ लायेगा
क्या विश्वास है।
ReplyDeleteशानदार!
स्व. वली असी का एक शेर याद आ गया-
मुमकिन है मैं तुझे भूल भी जाऊं लेकिन
तू मेरी फ़िक्र से आजाद नहीं हो सकता
सुंदर भाव। अति सुंदर शब्द चयन।
ReplyDeleteमैं तेरा ही ख्वाब हूं,
ReplyDeleteतू मुझे भूल नही पाएगा,
आप के इस विश्रवास का कायल हो गया.
धन्यवाद
खुली आंखों में न सही,
ReplyDeleteबन्द पलकों के तले,
वो एक आंसू की बूंद-सा,
ठहर जाएगा,
बहुत सुन्दर चित्र और दिल को छू लेने वाली कविता।
apke intjar me bahut hi vishwas hai.mai prarthana karunga ki apka intjar jald hi samapt ho.
ReplyDeleteखुली आंखों में न सही,
ReplyDeleteबन्द पलकों के तले,
वो एक आंसू की बूंद-सा,
ठहर जाएगा,
bahut sundar abhwyakti ||
अच्छी रचना है
ReplyDeleteप्रीती जी , आपकी कविता दिल को छु गई . आपकी और कविताओं का ईन्तजार रहेगा . धन्यवाद
ReplyDeleteप्रीती जी आप की कविता बहुत ही सुन्दर है. आपकी कविता दिल को छु गई.
ReplyDeletekya likha hai aapne......
kash ki main bhi aapki tarah hota......! lajwaab.....
न इस तरहा से मुझे,
ReplyDeleteभूल जाने की कौशिश कर,
मैं तेरा ही ख्वाब हूं,
तू मुझे भूल नही पाएगा,
bhut badhiya. likhti rhe.