Thursday, April 2, 2009

माता तेरे रुप हजार तू ही करती बेङा पार......





तू ही अम्बे तू जगदम्बे,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही काली तू ही दुर्गे,
तू ही करती बेङा पार।


तेरे दर्शन के अभिलाषी,
आंखे दर्शन के बिन प्यासी,
प्यास बुझादे अबकी बार,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही करती बेङा पार।


तुम हो वैष्णों पहाङा वाली,
मां, तुम सब भक्तों को प्यारी,
प्यार लुटादो तुम भी आज,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही करती बेङा पार।


तुम ही वीणा की तारों में,
तुम ही राग और मल्हारों में,
तुम ही बनी, प्रकृति की आवाज,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही करती बेङा पार।


सागर की लहरों में तुम हो,
ठण्डी पवन बहाती तुम हो,
सृष्टी रचना में, तुम हो सार,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही करती बेङा पार।
.................
प्रीती बङथ्वाल "तारिका"
(चित्र -साभार गूगल)

16 comments:

  1. तुम ही वीणा की तारों में,
    तुम ही राग और मल्हारों में,
    तुम ही बनी, प्रकृति की आवाज,
    माता तेरे रुप हजार,
    तू ही करती बेङा पार।
    bahut sunder hai maata ki stuti prarthana.subh subh mann aanand aagaya

    ReplyDelete
  2. माता तेरे रुप हजार,
    तू ही करती बेङा पार।


    जय हो माते की. प्रणाम.

    ReplyDelete
  3. सागर की लहरों में तुम हो,
    ठण्डी पवन बहाती तुम हो,
    सृष्टी रचना में, तुम हो सार,
    माता तेरे रुप हजार,
    तू ही करती बेङा पार।
    नवरात्री के शुभ अवसर पर एक सुंदर और पवन रचना की है...
    आपको नवरात्री मंगलमय हों...
    जय माता की...
    मीत

    ReplyDelete
  4. नवरात्र के मौके पर सुंदर गीत ... बहुत अच्‍छा लगा।

    ReplyDelete
  5. भक्तिमय माहौल में भक्ति मय प्रस्तुति ।कल मैंने भी कीर्तन में जीवंत दर्शन किये देवी के ।लिंक-http://neeshooalld.blogspot.com/2009/04/blog-post_02.html

    ReplyDelete
  6. सारे बोलो जय माता दी
    प्यार से बोलो जय माता दी
    -लावण्या

    ReplyDelete
  7. माता की पूजा अद्वितीय...

    ReplyDelete
  8. मन भक्तिमय हो गया!

    ReplyDelete
  9. माँ सर्वशक्तिमान, दयालु, कृपालु, ममतामयी है, सुन्दर कविता/गीत के लिये शुभकामनाएँ।

    ReplyDelete
  10. is navratro me ma se vinati hai wah hum sabhi ki manokamana ko poora kare.... happy navratri

    ReplyDelete
  11. आपके चिठ्ठे की चर्चा ब्लॉग समयचक्र में
    रामनवमी पर आप को हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  12. अच्छा लगा पढ़ कर
    इसे गुनगुना कर भी देखा मैंने अच्छा लगा

    ReplyDelete

मेरी रचना पर आपकी राय