तू ही अम्बे तू जगदम्बे,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही काली तू ही दुर्गे,
तू ही करती बेङा पार।
तेरे दर्शन के अभिलाषी,
आंखे दर्शन के बिन प्यासी,
प्यास बुझादे अबकी बार,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही करती बेङा पार।
तुम हो वैष्णों पहाङा वाली,
मां, तुम सब भक्तों को प्यारी,
प्यार लुटादो तुम भी आज,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही करती बेङा पार।
तुम ही वीणा की तारों में,
तुम ही राग और मल्हारों में,
तुम ही बनी, प्रकृति की आवाज,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही करती बेङा पार।
सागर की लहरों में तुम हो,
ठण्डी पवन बहाती तुम हो,
सृष्टी रचना में, तुम हो सार,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही करती बेङा पार।
.................
माता तेरे रुप हजार,
तू ही काली तू ही दुर्गे,
तू ही करती बेङा पार।
तेरे दर्शन के अभिलाषी,
आंखे दर्शन के बिन प्यासी,
प्यास बुझादे अबकी बार,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही करती बेङा पार।
तुम हो वैष्णों पहाङा वाली,
मां, तुम सब भक्तों को प्यारी,
प्यार लुटादो तुम भी आज,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही करती बेङा पार।
तुम ही वीणा की तारों में,
तुम ही राग और मल्हारों में,
तुम ही बनी, प्रकृति की आवाज,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही करती बेङा पार।
सागर की लहरों में तुम हो,
ठण्डी पवन बहाती तुम हो,
सृष्टी रचना में, तुम हो सार,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही करती बेङा पार।
.................
प्रीती बङथ्वाल "तारिका"
(चित्र -साभार गूगल)
जय हो! जय हो!
ReplyDeleteतुम ही वीणा की तारों में,
ReplyDeleteतुम ही राग और मल्हारों में,
तुम ही बनी, प्रकृति की आवाज,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही करती बेङा पार।
bahut sunder hai maata ki stuti prarthana.subh subh mann aanand aagaya
जय हो! जय हो!
ReplyDeleteमाता तेरे रुप हजार,
ReplyDeleteतू ही करती बेङा पार।
जय हो माते की. प्रणाम.
जय माता की!!!
ReplyDeleteसागर की लहरों में तुम हो,
ReplyDeleteठण्डी पवन बहाती तुम हो,
सृष्टी रचना में, तुम हो सार,
माता तेरे रुप हजार,
तू ही करती बेङा पार।
नवरात्री के शुभ अवसर पर एक सुंदर और पवन रचना की है...
आपको नवरात्री मंगलमय हों...
जय माता की...
मीत
नवरात्र के मौके पर सुंदर गीत ... बहुत अच्छा लगा।
ReplyDeleteखूबसूरत ...उत्तम
ReplyDeleteभक्तिमय माहौल में भक्ति मय प्रस्तुति ।कल मैंने भी कीर्तन में जीवंत दर्शन किये देवी के ।लिंक-http://neeshooalld.blogspot.com/2009/04/blog-post_02.html
ReplyDeleteसारे बोलो जय माता दी
ReplyDeleteप्यार से बोलो जय माता दी
-लावण्या
माता की पूजा अद्वितीय...
ReplyDeleteमन भक्तिमय हो गया!
ReplyDeleteमाँ सर्वशक्तिमान, दयालु, कृपालु, ममतामयी है, सुन्दर कविता/गीत के लिये शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteis navratro me ma se vinati hai wah hum sabhi ki manokamana ko poora kare.... happy navratri
ReplyDeleteआपके चिठ्ठे की चर्चा ब्लॉग समयचक्र में
ReplyDeleteरामनवमी पर आप को हार्दिक शुभकामनायें
अच्छा लगा पढ़ कर
ReplyDeleteइसे गुनगुना कर भी देखा मैंने अच्छा लगा