Saturday, April 25, 2009

ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजिए.....

कहने को तो कहते हैं,
हम तोङ के लायेंगे,
इन चांद सितारों को,
भर देंगे दामन हम,
जों मोतियों की बारिश हो।



पत्थर को तराशेंगे,
नाखूनों से अपने,
जब तक न बन जाए,
मूरत मेरे माही की।



चुन लेंगे फूलों को,
तेरी महक घुली जिनमें,
फिर बन जोगी तेरा,
तेरे नाम की माला को,
होठों में फिरायेंगे।
...........
प्रीती बङथ्वाल तारिका
(चित्र- साभार गूगल)

15 comments:

  1. kasame vade payar vfa sab baten hain baton ka kya, sugar ke bhav kam hote nahin chand tare kya layengen. narayan narayan

    ReplyDelete
  2. प्रीती जी अरसे बाद आपको पढने का मौका मिला है बहोत ही खुबसूरत विषय पे लिखा है आपने ... और उतने ही खूबसूरती से बात को कही है आपने...यही एक विषय है जिसकी परिभाषा किसी को अभी तक नहीं पता... मगर सभी जानते है क्या बला है..

    मेरी नई ग़ज़ल पे आपको नेवता दिए जा रहा हूँ... शाम को आये जरुर... और अगली ग़ज़ल इसी विषय पे ...

    अर्श

    ReplyDelete
  3. प्रेम से परिपूर्ण सुंदर अभिव्यक्ति लिखी है आपने...
    बहुत सुंदर...और ये पंक्तियाँ-
    पत्थर को तराशेंगे,
    नाखूनों से अपने,
    जब तक न बन जाए,
    मूरत मेरे माही की।
    इनका तो जवाब ही नहीं है...
    मीत

    ReplyDelete
  4. सुंदर भाव , कोमल एहसास. शुभकामनाएं

    रामराम.

    ReplyDelete
  5. समयचक्र: चिठ्ठी चर्चा : आपकी चिठ्ठा : मेरी चिठ्ठी चर्चा में

    ReplyDelete
  6. प्रेम का वर्षों पुराना जाना-पहचाना लिबास, इसे नया रंग देने की आपकी कला भायी...
    किंतु पढ़ कर लगा जैसे अधूरी हो...!!!

    ReplyDelete
  7. beech ki pantiyan kiphi achchhi ban padi ahin jo ek khas jajbe ki taraf ishara kar rahi hain,
    Navnit Nirav

    ReplyDelete
  8. अच्छे से प्यार के वादों को पिरोया है आपने अपनी कविता में....

    ReplyDelete
  9. pyar ke vaade aise hi kiye jate hain.....bahut badhiya rachna.

    ReplyDelete
  10. अरे इतना मुश्किल भी नही ..बस इरादे मजबूत होने चाहिए

    ReplyDelete
  11. प्रीती जी
    सुंदर अभिव्यक्ति है.

    http://www.ashokvichar.blogspot.com

    ReplyDelete
  12. The simplicity that bewilders and sophisticated thought, that leaves a train of impressions.. freezing ur thoughts for a moment and forcinng you to go for it once more..
    keep it up..

    ReplyDelete
  13. Bahut khob likhde ho , keep it up

    Enna pyar na sanu kar aadya , ban peed ankha wich radkan ge , har saan te likhya naam jaao tere dil wich mud mud dhadkaan ge,
    ise ishq mil jao khush koi is gal da na itbaar karen , par kithe tak koi phaj loaga e tan suttan te bhi waar kare.

    ReplyDelete

मेरी रचना पर आपकी राय