Wednesday, July 29, 2009

जैसे अमावस का चांद हो.........



समीर जी (उङनतश्तरी) को जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाऐं। आप हमेशा हमारी होसला अफजाई करते रहे और हमें टिपियाते रहें। मोतीचूर का बहुत बङा लड्डू हमारी और से आपके लिए।









हम ढूंढते रहते है,
नज़रें उठाके उसको,
जाने कहां छुपके बैठा है,
वो, बादल की ओट में।



पत्थरा गई ये आंखे,
इंतज़ार में उसकी,
वो फिर भी बनके बैठा है,
जैसे अमावस का चांद हो।



जो हम भी रूठ जाएं,
तो न खिल सकोगे तुम भी,
आखिर तेरी खुशबू का,
वो खिलता फूल, मैं ही हूं।



मुश्किल से ही मिली है,
दिल को धङकने की महोलत,
तू देर न कर अब आजा,
ये सांस थम रही है।



बस ये आखरी सदा है,
आना है तो आ जा,
न फिर जवाब होगा,
तेरे, किसी भी सवाल का।


.............


प्रीती बङथ्वाल "तारिका"


(चित्र- साभार गूगल)

15 comments:

  1. जन्मदिवस पर प्यारे समीर भाई को ढेरों बधाई !
    आपको शुक्रिया जो यह उम्दा पोस्ट लगाई !

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  2. हमारी तरफ़ से भी बधाई!

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  3. समीर जी को हार्दिक बधाई और शुभकामना। अनोखा शीर्षक "अमावस का चाँद" के लिए आपको भी बधाई तारिका जी। यदि संभव हो तो (अपने हिस्से में से ही सही) मेरी ओर से भी समीर जी को "इमेलीय" लड्डू भेज दें।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  4. समीर जी को हार्दिक बधाई और शुभकामना

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  5. मेरी ओर से भी समीर लालजी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं .. आपको क्‍या सबों को प्रोत्‍साहित करते रहते हैं ये !!

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  6. बर्थडे बॉय समीर जी को हार्दिक बधाई. और उम्दा रचना की आपको.

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  7. घणी बधाई जी. लड्डू स्वादिष्ट हैं.

    रामराम.

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  8. वाह वाह!! लड्डू बंट रहे हैं. कैसे आभार कहूँ.. :)

    फिर भी:

    बहुत बहुत आभार.

    आपने इस दिवस विशेष पर मुझे याद रखा, मैं कृतज्ञ हुआ.

    स्नेह बनाये रखें.

    सादर

    समीर लाल

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  9. अत्यन्त सुन्दर रचना है!
    --------
    ग़ज़लों के खिलते गुलाब

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  10. सुन्दर रचना. समीरलाल जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामना और बधाई .

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  11. ek khubsurat rachanaa upar se laddu kamaal ho gayaa aaj to subah subah hi.... sameer ji ko janm din pe dhero badhaayeeyaan aur shubhkaanaayen...



    arsh

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  12. बस ये आखरी सदा है,
    आना है तो आ जा,
    न फिर जवाब होगा,
    तेरे, किसी भी सवाल का।

    बहुत ख़ूबसूरत !

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  13. मुश्किल से ही मिली है,
    दिल को धङकने की महोलत,
    तू देर न कर अब आजा,
    ये सांस थम रही है।
    आपका अंदाज सबसे अलग है...
    मीत

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  14. अरे वह, बधाई के साथ लडडू भी।

    वैसे अगर टिप्‍पणीकर्ताओं के लिए भी लडडूओं की व्‍यवस्‍था होती, तो और मजा आता।

    ह ह हा।
    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

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