रंग लगा हर चेहरा देखो,
लाल हरा, और पीला,
प्यार के रस में भरे हुए,
हर रंग लगे रसीला।
लाल हरा, और पीला,
प्यार के रस में भरे हुए,
हर रंग लगे रसीला।
हर कोई राधा कृष्ण बना,
कोई धर्म का डोल बजे ना,
न कोई गोरा, न कोई काला,
बस एक ही रंग, सजे यंहा,
रंग लगा हर चेहरा देखो,
लाल हरा और पीला,
प्यार के रस में भरे हुए,
हर रंग लगे रसीला।
होली रंग में भीग रहें है,
बन के टोली-टोली,
हर बाला, लगे राधिका,
खेले कृष्ण की होली,
रंग लगा हर चेहरा देखो,
लाल हरा और पीला,
प्यार के रस में भरे हुए,
हर रंग लगे रसीला।
भूल के झगङा गले लगा अब,
न कोई बैर बनाना,
रंग में भर के, खेलो होली,
सब को गले लगाना,
रंग लगा हर चेहरा देखो,
लाल हरा और पीला,
कोई धर्म का डोल बजे ना,
न कोई गोरा, न कोई काला,
बस एक ही रंग, सजे यंहा,
रंग लगा हर चेहरा देखो,
लाल हरा और पीला,
प्यार के रस में भरे हुए,
हर रंग लगे रसीला।
होली रंग में भीग रहें है,
बन के टोली-टोली,
हर बाला, लगे राधिका,
खेले कृष्ण की होली,
रंग लगा हर चेहरा देखो,
लाल हरा और पीला,
प्यार के रस में भरे हुए,
हर रंग लगे रसीला।
भूल के झगङा गले लगा अब,
न कोई बैर बनाना,
रंग में भर के, खेलो होली,
सब को गले लगाना,
रंग लगा हर चेहरा देखो,
लाल हरा और पीला,
प्यार के रस में भरे हुए,
हर रंग लगे रसीला।
हर रंग लगे रसीला।
..............
प्रीती बङथ्वाल "तारिका"
(चित्र- साभार गूगल)
आप सभी को होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
शुभ होली !!
ReplyDeleteholi ke mast rang me doobi rachna,holi mubarak
ReplyDeleteहोली की ढेरो बधाई एवं शुभकामनाएं ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर बढ़िया शब्दों में रचना प्रस्तुति के लिए धन्यवाद.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया. रंग भरे रहें जीवन में
ReplyDeleteशुभ होली.
प्रीति जी
ReplyDeleteआपकी रचना बहुत पंसद आयी। उस पर कुछ पंक्तियां लिखने का मन आया सो लिख लीं। आपको होली के पावन पर्व की हार्दिक बधाई।
..............................
नकली चेहरा लोग लगा लेते हैं
पर रंग भी असली कहां आते
इसलिये ही नकली रंग से होली मना लेते हैं
होली पर ही नहीं होते चेहरे रंगीन
यहां तो हर रोज लोग
खुद ही रंग लगा लेते हैं
आदमी की पहचान चेहरे से नहीं
दिल की नीयत से होती है
कोई झांक कर न देखे अंदर
इसलिये लोग रोज
देखने वालों को रंग से बरगला देते हैं
.......................
दीपक भारतदीप
बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteहोली की शुभकामनाएँ।
घुघूती बासूती
वाह जी वाह ..बहोत खूब होली खेलाई आपने...अपने रंग से ...होली की ढेरो शुभ कामनाएं..
ReplyDeleteअर्श
होली की शुभकामनाएं
ReplyDeletePreeti ji,aapko bhi holi ki bahut bahut shubhkaamnaayein
ReplyDeletePreeti,
ReplyDeletehello.aap to prashanshakon ke mahasagar mein hai.Holi per meri bhi shubhkaamnaayen.
Irfan
Cartoonist
होली रंग में भीग रहें है,
ReplyDeleteबन के टोली-टोली,
हर बाला, लगे राधिका,
खेले कृष्ण की होली,
रंग लगा हर चेहरा देखो,
लाल हरा और पीला,
प्यार के रस में भरे हुए,
हर रंग लगे रसीला।
वाह वाह तारिका ये हुई ना बात बहुत ख़ूब बहुत सुन्दर रचना । शुभ कामनाएँ ढेर सारी होली पर आपको सपरिवार।
कोई धर्म का डोल बजे ना,
ReplyDeleteन कोई गोरा, न कोई काला,
सुन्दर प्रस्तुति.
होली की आपको भी ढेरों बधाइयाँ
बहुत खूबसूरत. होली की घणी रामराम.
ReplyDeleteरंग लगा हर चेहरा देखो,
ReplyDeleteलाल हरा और पीला,
प्यार के रस में भरे हुए,
हर रंग लगे रसीला।
रंग बिरंगी कविता लिखी है...
बहुत सुंदर...
मीत
होली रंग में भीग रहें है,
ReplyDeleteबन के टोली-टोली,
हर बाला, लगे राधिका,
खेले कृष्ण की होली,
bahut pyaari lagi aapki yah rachna sundar likha hai aapne
रंग में भर के, खेलो होली,
ReplyDeleteसब को गले लगाना,
होली की शुभकामनाऐं
बड़ी खूबसूरत रंगीली कविता है.
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना है ....
ReplyDeleteसुन्दर! होली मुबारक!
ReplyDeletebahut badhiya rachna.
ReplyDeleteअच्छा लिखा होली पर। होली मुबारक देरी से।
ReplyDeleteप्रीतिजी
ReplyDeleteआपको सपरिवार होली की मँगल कामनाएँ
गीत,
बहुत अच्छा लगा आपका !
- लावण्या
बहुत ही सुंदर कविता, बहुत अच्छी लगी ये कविता। दिल से धन्यवाद।
ReplyDeletekuch dil se nahin kaha. aisa lagta hai mano kuch aur kahne ki khwahish rahi ho.
ReplyDeletemujhe to lagta hai holi gramya utsav hai, to bhi bahut achchha !!!
सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeletebahut hi pyari rachna
ReplyDeleteअंतिम पंक्ति में सार /होली मिलन का तात्पर्य ही यही है कि पिछले मनमुटाव भूल कर भविष्य में प्रेम पूर्वक रहें
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