जैसे हवाओं में
महक का घुलना,
फूल में,
खुशबू का मिलना,
ख्वाब का,
पलकों में पलना,
रोशनी का,
दिये से जलना,
तू इस तरहा से,
मेरी जिन्दगी में शामिल है।
जैसे सीप में
मोती का मिलना,
बारिश में,
इन्द्रधनुष बनना,
होठों में,
हंसी का खिलना,
मंदिर में,
शंखनाद होना,
तू इस तरहा से,
मेरी जिन्दगी में शामिल है।
महक का घुलना,
फूल में,
खुशबू का मिलना,
ख्वाब का,
पलकों में पलना,
रोशनी का,
दिये से जलना,
तू इस तरहा से,
मेरी जिन्दगी में शामिल है।
जैसे सीप में
मोती का मिलना,
बारिश में,
इन्द्रधनुष बनना,
होठों में,
हंसी का खिलना,
मंदिर में,
शंखनाद होना,
तू इस तरहा से,
मेरी जिन्दगी में शामिल है।
...........
प्रीती बङथ्वाल "तारिका"
(चित्र - साभार गूगल)
nice one
ReplyDelete-tarun
क्या बात है-बहुत उम्दा, प्रीती जी.
ReplyDeletejaise garm joshi se hath ka hath se milana. narayan narayan
ReplyDeleteहोली की बधाई सहित ... ढेरो बधाइयाँ आपको इस सुन्दर कविता के लिए...
ReplyDeleteअर्श
प्रीती जी, सबसे पहले तो बधाई स्वीकार करें, बहुत अच्छा लिखती हैं आप, मेरी पोस्ट पर आपके दिए कमेन्ट को पढ़ कर अच्छा लगा, मैं उदास नहीं था क्यूंकि मैं खुद इसी चीज़ में यकीन रखता हूँ की हमेशा खुश रहो, मैं सोच रहा था की जो गलत धारणा इनकी बनी है उसको कैसे दूर किया जाये इसीलिए मैंने कुछ सवाल अपने पाठको से पूछे थे....
ReplyDeleteप्रीती जी, सबसे पहले तो बधाई स्वीकार करें, बहुत अच्छा लिखती हैं आप, मेरी पोस्ट पर आपके दिए कमेन्ट को पढ़ कर अच्छा लगा, मैं उदास नहीं था क्यूंकि मैं खुद इसी चीज़ में यकीन रखता हूँ की हमेशा खुश रहो, मैं सोच रहा था की जो गलत धारणा इनकी बनी है उसको कैसे दूर किया जाये इसीलिए मैंने कुछ सवाल अपने पाठको से पूछे थे....
ReplyDeleteतू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है ....बहुत अच्छा लगा पढ़कर
ReplyDeleteहोली मुबारक
बारिश में,
ReplyDeleteइन्द्रधनुष बनना,
होठों में,
हंसी का खिलना,
मंदिर में,
शंखनाद होना,
तू इस तरहा से,
मेरी जिन्दगी में शामिल है।
very sweet
meet
क्या बात है।
ReplyDeleteबिम्ब अच्छे है.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर कविता । मन प्रसन्न हुआ । बधाई
ReplyDeleteबहुत सुंदर. शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत ही सुंदर रचना.
ReplyDeleteधन्यवाद
आपको और आपके परिवार को होली की रंग-बिरंगी भीगी भीगी बधाई।
बुरा न मानो होली है। होली है जी होली है
bahut hi badhiyaa
ReplyDeletemere liye kahne ko kuchh nahiN chhorha yaaroN ne.
ReplyDeleteहोली की बधाई एवम घणी रामराम.
ReplyDeleteअच्छा लगा पढ़ कर
ReplyDeleteवाह। निदा साहब की पङ्क्ति का बहुत खूवसूरत प्रयोग किया है. मै इसे फेसवुक पर डाल रहा हूँ ।
ReplyDelete