आई दिवाली, गयी दिवाली,
खुशीयां भी भर गयी दिवाली,
रंग बिरंगी रंगोली संग,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
लक्ष्मी-गणेशजी को सजा-धजा कर,
लड्डू पेङे की थाल सजा कर,
शंखनाद की गूंज में भर कर,
रोशन-रोशन हुई दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
हम भी बोले, आप भी बोले,
एक-दूजे को रस में घोले,
शुभ दिवाली-शुभ दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
खुशीयां भी भर गयी दिवाली,
रंग बिरंगी रंगोली संग,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
लक्ष्मी-गणेशजी को सजा-धजा कर,
लड्डू पेङे की थाल सजा कर,
शंखनाद की गूंज में भर कर,
रोशन-रोशन हुई दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
हम भी बोले, आप भी बोले,
एक-दूजे को रस में घोले,
शुभ दिवाली-शुभ दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
...................
प्रीती बङथ्वाल "तारिका"
(चित्र-सभार गुगल)
हम भी बोले, आप भी बोले,
ReplyDeleteएक-दूजे को रस में घोले,
शुभ दिवाली-शुभ दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
बहुत सुंदर भाव-प्रवण कविता ! ये रचना तो मुंह में मिठास घोल गई ! धन्यवाद !
वाह प्रीति जी
ReplyDeleteसुंदर रचना
दीवाली मुबारक
और हां आपकी समस्त सोसायटी ने जिस प्रेम व उल्लास के साथ दीवाली मनायी
इसके लिये आप सभी बधायी के पात्र हैं
हम भी बोले, आप भी बोले,
ReplyDeleteएक-दूजे को रस में घोले,
शुभ दिवाली-शुभ दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
बहुत सुंदर भाव-प्रवण कविता
खूब रस घोला आपने भी। ये भी दीपावली की ही महिमा है।
ReplyDeleteshubh-deepawali, kavita bahut achchhii hai.
ReplyDeleteसच है...
ReplyDeleteपर किसी को खुशी तो किसी को गम भी दे गई है दीवाली...
nice poem!!!
हम भी बोले, आप भी बोले,
ReplyDeleteएक-दूजे को रस में घोले,
शुभ दिवाली-शुभ दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
bahut badhiya rachana . dhanyawad.
बहुत बढ़िया रचना..खास दीवाली के मौके पर. बधाई!!
ReplyDeleteहम भी बोले, आप भी बोले,
ReplyDeleteएक-दूजे को रस में घोले,
शुभ दिवाली-शुभ दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
अच्छी रचना और दिवाली की ढेरो बधाई और शुभकामनाएं आपको ..
अर्श
आदरणीय प्रीती जी, सबसे पहिले आपको दीपावली और उसपर इतनी सुंदर रचना के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ. उसके बाद आपसे माफ़ी चाहूँगा के मैंने आपकी कितनी सारी पोस्टें मिस कर दीं. अब ऐसा नहीं होगा. कल से मैं रोज़ आपकी पिछली पोस्टों को पढ़ा करूँगा और टीप करूँगा. अब आप फेवरेट मैं शामिल हो गए हो.
ReplyDeleteभाव और िशल्प की दृिष्ट से बडी उत्कृष्ट रचना है आपकी । -
ReplyDeleteआई दिवाली, गयी दिवाली,
खुशीयां भी भर गयी दिवाली,
रंग बिरंगी रंगोली संग,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली ।
सुंदर रचना के िलए बधाई ।
http://www.ashokvichar.blogspot.com
प्रीती जी,आप को दिपावली की बधाई,आप ने बहुत ही सुन्दर कविता लिखी है, बार बार गुणगुनाने को मन करता है.
ReplyDeleteधन्यवाद
जीवन मीठा कर गयी दिवाली ...
ReplyDeleteबहुत ही सही पंक्ति का चयन किया है . निसंदेह जीतनी मिठास दिवाली लाती है शायद ही कोई और त्यौहार लाता हो
वाह प्रीति जी,
ReplyDelete-बहुत उम्दा!! वाह वाह!!
स्वागत है आपका इसी तरहे से मिठास घोलते रहे आप
मुंह में भर कर मीठे गोले,
ReplyDeleteएक-दूजे को रस में घोले,
रंग बिरंगी रंगोली संग,
रोशन-रोशन हुई दिवाली
बहुत सुंदर!
ReplyDeleteआए हैं सो जायेंगे, राजा, रंक, फकीर!