Friday, October 24, 2008

आ गये त्योहार....

हमारी सोसायटी में हर त्योहार बहुत ही धूम-धाम से और सभी सोसायटी वाले मिलकर मनाते हैं। ये बात वैसे मैंने पहले भी बताई है। इससे त्योहार की खुशी चौगुनी हो जाती है। इस बार हमारी सोसायटी में नवरात्रों के बाद और करवाचौथ से पहले डांडिया प्रौग्राम का आयोजन किया गया। हफ्ते भर पहले से ही ग्रुप में डांस की प्रेक्टिस होने लगी। कुछ पुराने जो कि शुरू से ही इस सोसायटी(जब से बनी है) में रहते हैं उनका एक ग्रुप हुआ, और जो बाद में आए हैं उनका दूसरा ग्रुप बना। ग्लास रूम(सोसायटी के ऑफिस का एक हॉल रूम) प्रेक्टिस के लिए ले लिया गया। समयानुसार बारी-बारी से वहां दोनों ग्रुप अपनी प्रैक्टिस करते थे। खूब मजा आता था, घर का सारा काम निपटा कर हम सब वहां जाने को तैयार रहते थे।
मैं पहले ग्रुप में थी। सबसे पहले गाना सलेक्ट किया गया। हमने सुहाग फिल्म से गाना चुना ‘ओ नाम रे, सबसे बङा तेरा नाम, ओ शेरों वाली’। ये गाना अपने आप में ही पूर्ण लगता है। इसकी शुरुआत जितनी धीरे है अंत उतना ही प्रभावशाली और तेज। डांडिया करने के लिए सही थीम वाला गाना। दूसरे ग्रुप का गाना गुजराती में था, वो गाना भी सुनने में अच्छा था, गाना श्रीकृष्ण भगवान पर था, सो उन्होंने अपने ग्रुप का नाम कृष्णा ग्रुप रख लिया। अब हमें भी अपने ग्रुप का नाम रखना था। बहुत सोचा गया सभी से पूछा गया। सभी ने अच्छे-अच्छे नाम बताये (संस्कृति, संगम, सतरंगी, इन्द्रधनुष, संगिनी) । अंत में सभी संगिनी के लिए सहमत हो गये। नाम बताने के सभी के अपने दृष्टिकोण थे जो सही भी थे लेकिन सभी संगिनी के लिए मान गये। संगिनी का अर्थ सहेली, इसीलिए ये नाम हमसब को पसंद आया।
जिस दिन प्रोग्राम होना था शाम का समय निश्चित किया गया। हमारा ग्रुप, दूसरे ग्रुप से पहले ही पहुंच गया था। सभी गुजराती तरिके से साड़ी पहन, सज-धज कर आये थे। प्रोग्राम थोड़ा देर से शुरू हुआ, धीरे-धीरे लोगों की भीड़ भी बढ़ने लगी थी। बहुत से लोगों के आने के बाद प्रोग्राम शुरू हुआ। शुरूआत अंताक्षरी से हुई, सास-बहू के दो ग्रुप बनाए गये कुछ लोग सास ग्रुप में और कुछ बहू ग्रुप में हो गये। फिर शुरू हुआ वो मुकाबला जिसे देखने के लिए पूरी सोसायटी बैठी हुई थी। वैसे तो ये प्रोग्राम सिर्फ महिलाओं का ही था पर पुरूष वर्ग ने भी इस में जमकर हिस्सा लिया।
अब सवाल हुआ कि डांडिया में कौन सा ग्रुप पहले अपना प्रदर्शन करेगा। हम लोग उन्हें और वो लोग हमें प्रदर्शन करने के लिए कह रहे थे। मतलब ये था कि पहले कोई भी नहीं करना चाहता था। दोनों ही दूसरे ग्रुप को पहले करते हुए देखना चाहते थे। जो ठीक से अपने और उनमें आंकलन कर सकें, कि बेहतर कौन? लेकिन शुरू तो किसी ने करना ही था तो हम लोग आगे आ गये। हमारा ग्रुप पूरे जोश में था।
बीच में कलश सजा हुआ था और उसके चारों और हम गोला बनाकर डांडिया खेलने लगे। हमने जो डांडिया पेश किया उसे देख कर दूसरी टीम ने पहले ही अपने दांतों तले उंगली दवा ली। वहां पर मौजूद लोगों ने भी विजेता हमे करार दे दिया था। लेकिन कोई किसी से कम ना था, टक्कर तो होनी ही थी। अब दूसरे ग्रुप की बारी थी हम सोच के बैठ गए थे कि ये ग्रुप तो समझो गया, जीत हमारी ही होगी क्योंकि हमने कहीं पर भी गलती नहीं की थी। पर दूसरी टीम की काबलियत पर शक करके हम भूल कर रहे थे। दूसरी टीम ने भी जबरदस्त डांडिया किया और हमें ऐसी टक्कर दी कि हमारे हाथ उनकी वाह वाही में खुद ही उठ गए। कई गलतियां की उन्होंने, पर पहली बार की उनकी ये सफलता बताती है कि हमारा वर्चस्व हमेशा नहीं रहने वाला। कम वो नहीं निकले, लेकिन जीत तो हमारी ही होनी थी।

जजों ने फैसला भी हमारे पक्ष में सुनाया पर पहली बार एंट्री करने के कारण बाद में दोनों टीमों को ही जीता करार दे दिया गया। हम भी काफी खुश थे कि चलो ये अच्छा हुआ कि किसी की हार ना ही किसी की जीत हुई। वर्ना पर्व के माहौल में खटास ही हाथ लगती है।

प्रीती बड़थ्वाल

22 comments:

  1. ये पूरा अंडरलाईन कैसे...त्योहार की शुभकामना.

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  2. देखिए आपने यहां कहा और हमने सब दुरुस्त कर दिया। आपको भी त्योहार की बहुत बहुत शुभकामना।

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  3. bharat ke parv or tayohar hee hain jo hame samajik banate hai. hamare andar ek dusare ke sath rahane ki lalak paida karte hai. aapki zindgi me har pal tayohar ho

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  4. प्रीती आपको पहले जीत की बधाई फिर दिवाली के त्योहर की शुभकामनायें, ये मंगलमय हो आनंदमय हो।

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  5. अरे वाह, अरे वाह। बहुत सुन्दर। इस आयोजन की बधाई। इस पोस्ट की बधाई। जीतने की बधाई| दीपावली की बधाई। बहुत अच्छा लगा यह पोस्ट पढ़कर।

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  6. "हम भी काफी खुश थे कि चलो ये अच्छा हुआ कि किसी की हार ना ही किसी की जीत हुई।"

    सुखी जीवन का सबसे बड़ा मूलमंत्र है ये ! दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं !

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  7. भारत में त्योहार जाते कब हैं बस आते ही आते हैं एक के बाद एक।

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  8. बहुत-बहुत बधाई हो।

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  9. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं..तस्वीरें सुंदर है.

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  10. सुंदर अहसास को हमसे बाँटने के लिए बहुत शुक्रिया...

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  11. बढ़िया अभिव्यक्ति , न किसी की जीत न किसी की हार. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ

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  12. बहुत ही सुन्दर लगा सारा विवरण मजा आ गया, आप सब को जीत की बधाई
    धन्यवाद

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  13. त्योहार की शुभकामना

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  14. पढ़ कर बहुत अच्छा लगा

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  15. Preeti ji diwali ki dhero shubhkamanayen.....




    arsh

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  16. प्रीित जी,
    दीपावली के संदभॆ में आपने बडी रोचक जानकारी दी । अच्छा िलखा है आपने । ज्योितपवॆ आपके जीवन में खुिशयों का आलोक िबखेरे , यही मंगलकामना है । दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं ।

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  17. जीत की बधाई और दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!

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  18. दीपावली के पावन पर्व पर आपको हार्दिक बधाई!

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  19. प्रीित जी,
    दीपावली पर मैने एक किवता िलखी है । समय हो तो आप पढें और प्रितिक्रया भी दें-

    http://www.ashokvichar.blogspot.com

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  20. परिवार व इष्ट मित्रो सहित आपको दीपावली की बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं !
    पिछले समय जाने अनजाने आपको कोई कष्ट पहुंचाया हो तो उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ !

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  21. प्रीती बडथ्वालजी।
    त्योहार.... से सम्बन्धित आपके विचारो को पढने का अवसर मिला। प्रितीजी, पर्व हमारी सास्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक भावनाओ के समूहगत उत्प्रेरक स्वरुप है। किसी भी पर्व मे हष्रोल्लास के साथ साथ मन सहज रुप से पावन हो जाता है। आपको दीपावली कि हार्दिक मगल कामना देता हु।
    महावी बी सेमलानी"भारती"
    मुम्बई

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  22. आपको सपरिवार दीपोत्सव की शुभ कामनाएं। सब जने सुखी, स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें। यही प्रभू से प्रार्थना है।

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