आई दिवाली, गयी दिवाली,
खुशीयां भी भर गयी दिवाली,
रंग बिरंगी रंगोली संग,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
लक्ष्मी-गणेशजी को सजा-धजा कर,
लड्डू पेङे की थाल सजा कर,
शंखनाद की गूंज में भर कर,
रोशन-रोशन हुई दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
हम भी बोले, आप भी बोले,
एक-दूजे को रस में घोले,
शुभ दिवाली-शुभ दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
खुशीयां भी भर गयी दिवाली,
रंग बिरंगी रंगोली संग,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
लक्ष्मी-गणेशजी को सजा-धजा कर,
लड्डू पेङे की थाल सजा कर,
शंखनाद की गूंज में भर कर,
रोशन-रोशन हुई दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
हम भी बोले, आप भी बोले,
एक-दूजे को रस में घोले,
शुभ दिवाली-शुभ दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
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प्रीती बङथ्वाल "तारिका"
(चित्र-सभार गुगल)



ग्रुप की बारी थी हम सोच के बैठ गए थे कि ये ग्रुप तो समझो गया, जीत हमारी ही होगी क्योंकि हमने कहीं पर भी गलती नहीं की थी। पर दूसरी टीम की काबलियत पर शक करके हम भूल कर रहे थे। दूसरी टीम ने भी जबरदस्त डांडिया किया और हमें ऐसी टक्कर दी कि हमारे हाथ उनकी वाह वाही में खुद ही उठ गए। कई गलतियां की उन्होंने, पर पहली बार की उनकी ये सफलता बताती है कि हमारा वर्चस्व हमेशा नहीं रहने वाला। कम वो नहीं निकले, लेकिन जीत तो हमारी ही होनी थी। 






