तब दोनों जहां का साथ हो
जीवन का एहसास हो
फिर से जीने का अभ्यास हो
छोटे जीवन की बात नहीं,
सदियों जीने की बात हो
छोटे छोटे इन हाथों की
छोटी-सी खुशियों का एहसास हो
अपने सपनों को पाने का
इन आखों में विश्वास हो
मैं खुद को तुझमें ढूंढ रहा
मुझे फिर बचपन की आस हो
तुझे खिलखिलाता देखकर
मुझको हंसने की चाह हो
तेरे हाथ में, जब मेरा हाथ हो।