हमारे घर में एक नये मेहमान का आगमन हुआ। वो अभी सिर्फ एक महीना नौ दिन का ही है। बहुत ही प्यारा है। जब से घर में आया है तब से ही सबका चहेता बना हुआ है। सभी उसके साथ खेलते है, उसकी हर हरकत पर खुश होते हैं। वैसे वो अधिकतर मेरे पास ही रहता है, मेरी आवाज को पहचानता है। अब अपना नाम भी पहचानने लगा है। उसका नाम “शिवा” है।
पहली बार जब उसे देखा था तो वो केवल तेरह दिन का था। बहुत ही छोटा, आंखे भी नहीं खुली थी शिवा की, और चलना, तो दूर की बात। उसे जब अपने हाथों में लिया तो उस पर प्यार छलक उठा, बस यही वाला पसन्द है ये सोच कर मैने इनकी ओर देखा। ये मुझे देखते ही समझ गये कि मुझे ये पसन्द आ गया है। उसने उसी दिन मेरे हाथों में पहली बार आंखे खोली थी। मेरा मन उस पर आ चुका था मैने उसे लेने का फैसला कर लिया।
उसे हम अपने साथ नहीं ला सकते थे क्योंकि वो अभी बहुत छोटा था। उसे छोङ कर आने का मन नहीं कर रहा था, लेकिन जैसे-तैसे मन को समझा कर हम घर लौट आये। लेकिन घर आने के बाद भी मेरी जुबान पर उसकी ही बातें चल रही थी। “वो कितना प्यारा था, उसने मेरी हाथों पर ही पहली बार अपनी आंखे खोली थी। हम उसका नाम क्या रखेगें”। मैं तो जैसे उस नन्हें के बारे में सोच-सोच कर ही दिन काट देती थी। ये सारी बातें मेरे पतिदेव को बार-बार सुनने को मिल रही थी।
मेरी उत्सुकता को देखते हुए पतिदेव ने जल्द ही उसे लाने का फैसला कर लिया। जब वो बीस दिन का हो गया तो हम उसे लेने के लिए गये उसकी हलचलों में थोङा फर्क था वो गिर-गिर के चलने लगा था। अभी शुरुवात थी चलने की और मां के दूध के साथ बोतल से भी दूध पीने लगा था। इसका मतलब था कि अब हम उसे अपने साथ ला सकते थे और हम उसे अपने साथ ले आए। उसका नाम मैंने “शिवा” रखा। घर में सभी को (पतिदेव और बेटे को) ये नाम पसन्द आया।
जिस दिन हमने शिवा को लाने का फैसला किया, सुबह बेटा स्कूल जा चुका था। बेटे को सरप्राइज गिफ्ट के रूप में हम “शिवा” देना चाहते थे। अभी तक शिवा का नाम तो बेटा जानता था, पर ये शिवा है क्या, इस बारे में उसे कुछ नहीं मालूम था। यहां बेटा स्कूल गया वहां हम भी शिवा को लेने निकल लिए। छोटा होने की वजह से उसके लिए व्हीट सैरेलैक, फोरेक्स मिल्क पाउडर, दवाइयां और सीरींज सब लेकर आए थे।
बेटू जी स्कूल से आए तो हमने “शिवा” को ऐसे ही जमीन पर दरी के ऊपर लिटा दिया। बेटू अपनी मस्ती में आए और फिर बिना ध्यान दिए ही घर में अपने खेलकूद में जुट गए। हमें बड़ी निराशा हो रही थी कि बेटू “शिवा” को देख ही नहीं पा रहा था। फिर मैंने उसे बहाने से उस तरफ भेजा जिधर “शिवा” सो रहा था। अचानक वो वहां जाकर रुका, ‘अरे मम्मी, ये क्या है? मम्मी ये रीयल पपि है! अरे मम्मी ये तो हिलता है!’ ऐसे ही विस्मयसूचक संबोधनों को इस्तेमाल करते हुए वो वहीं पर बैठ गया और उसके साथ खेलने लगा। आज भी दोनों को खेलता हुआ देखती हूं तो अच्छा लगता है।
“शिवा” एक काले रंग का लेब्राडॉर पपि है। “शिवा” के बारे में बाकी बातें अगली बार।
“खैल रहें है उसके संग,
बन गया वो अपना,
छोटा सा आया है घर में,
एक चंचल सपना।”
प्रीती बङथ्वाल “तारिका”
कुछ और भी फोटो लगानी थी -मगर नाम मुझे पसंद नहीं आया ! कारण शिवा दरअसल हिन्दू देवी पार्वती हैं ! यह मेल है ! र्क्य इसका नाम अगर हिन्दू देवी देवताओं पर रखना किन्ही कारणों से अपरिहार्य हो गया हो तो शंभू या भोले रख दें ! यह भी प्यारा नाम ही है ! मैंने किसी निहित भाव के वशीभूत हो यह सुझाव नहीं दिया है और आप भी अआषा है अन्यथा नहीं लेगीं !
ReplyDeleteवाह! बढ़िया
ReplyDeleteलगता है अब इन बेज़ुबानों की चर्चा वाला भी एक बढ़िया सा ब्लॉग होना चाहिए
हमारी डेज़ी भी शामिल हो जाएगी :-)
बी एस पाबला
मेहमान जी प्यारे हैं..अब तो परिवार के सदस्य ही कहलाये..नमस्ते कह देना हमारी भी. :)
ReplyDeletebada pyara mehman hai,sajila :)
ReplyDeleteदिल आना लाज़मी है. मेहमान जो इतना प्यारा ठहरा..
ReplyDeleteबहुत खुब शिवा को मेरा हेल्लो बोलना।
ReplyDeleteशिवा जी की रिपोर्टिंग सतत मिलनी चाहिये. हमारी उनको सादर राम राम कहना जी.
ReplyDeleteरामराम.
आपने एक बहुत ही अच्छा काम किया है... शिवा को बहुत प्यार दीजियेगा इतना प्यार की वो अपने जानवर होने पे गर्व करे...
ReplyDeleteमीत
नाम को लेकर संशय तो मेरे भी मन में था.. पर आपने कुछ सोच समझ कर ही रखा होगा..
ReplyDeleteवैसे भी आजकल लोग कुत्तो का नाम अंग्रेजी में रखते है.. शायद अंग्रेजो से २०० सालो की गुलामी का बदला लेते हो.. :)
बहुत सुंदर, लेकिन नाम... चलिये आप का है जो आप की मर्जी, मेने अपने प्यारे पपि का नाम हेरी रखा है, कुश भाई की बात सॊ प्रतिशत सही है, जब लाये थे तो बहुत छोटा था, अब तो ५० किलो का है, लेकिन हम सब का प्यारा, ओर वो भी सब से प्यार करता है,
ReplyDeleteबहुत प्यारा है
ReplyDeleteअच्छी रचना और हमें तो आपका शिवा पसंद आया। रिपोर्टिंग जारी रखिएगा।
ReplyDeleteनाम को लेकर संशय तो मेरे भी मन में थाnice
ReplyDelete'shiva' ne 'shiney' ki yaad dila di.
ReplyDeleteaab ye mat poochiyega 'shiney' kaun?
सुन्दर।
ReplyDeleteइसे कहते हैं अपनेपन और मैत्री का विस्तार। मुझ दकियानूस को 'शिवा' नाम और रोमन हेडर MERA SAGAR पर आपत्ति है। आप कह सकती हैं कि ब्लॉग और वर्णित जीव आप का निजी है लेकिन जब शेयर किया है तो हम 'शेयरी' लोगों से मसविरे तो सुनने ही पड़ेंगे।
India in Hindi
ReplyDeleteDigital India in Hindi
Indian Ocean in Hindi
Indian Satellite in Hindi
Goa in Hindi
Mean Sea Level in Hindi
Independence Day in Hindi
Swachh Bharat Abhiyan