हम एक सफर के,
साथी सनम,
तुम दीया हो,
मैं हूं बाती सनम,
दिल के चमन में,
जब खिलते गुलाब,
कांटों के संग,
खुशबू आती सनम।
जीवन में साथ,
निभाने की कसमें,
पत्थर में,
नाम लिखाने की रसमें,
वो दरख़तों के नीचे,
शाम बितानी सनम,
हम एक सफर के,
साथी सनम,
तुम दीया हो,
मैं हू बाती सनम।
खुली धूप में,
छत पे बातें बनाना,
कभी पलके उठना,
कभी, शरमा के झुकाना,
नजरों की नजर से,
आंखे बचाना,
यूं ही छुप-छुप के,
अपना मिलना सनम,
हम एक सफर के,
साथी सनम,
तुम दीया हो,
मैं हूं बाती सनम।
साथी सनम,
तुम दीया हो,
मैं हूं बाती सनम,
दिल के चमन में,
जब खिलते गुलाब,
कांटों के संग,
खुशबू आती सनम।
जीवन में साथ,
निभाने की कसमें,
पत्थर में,
नाम लिखाने की रसमें,
वो दरख़तों के नीचे,
शाम बितानी सनम,
हम एक सफर के,
साथी सनम,
तुम दीया हो,
मैं हू बाती सनम।
खुली धूप में,
छत पे बातें बनाना,
कभी पलके उठना,
कभी, शरमा के झुकाना,
नजरों की नजर से,
आंखे बचाना,
यूं ही छुप-छुप के,
अपना मिलना सनम,
हम एक सफर के,
साथी सनम,
तुम दीया हो,
मैं हूं बाती सनम।
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प्रीती बङथ्वाल "तारिका"
(चित्र- साभार गूगल)