Friday, February 12, 2010

दिल की तमन्ना........






मन ख्वाब का पिटारा

उङता है डोलता है,

मिलती हैं,जबभी पलकें,

गुप-चुप सा, बोलता है।





मैं ख्वाब का समन्दर,

तुम खुल के सांस लेना,

बुनना उस खुशी को,

जिसकी भी हो तमन्ना।





उस मीठी-सी हंसी में,

सुकूं है, कई पलों का,

चलो आज खुल के हंस ले

दिल की है ये तमन्ना।
...........

प्रीती बङथ्वाल तारिका

(चित्र साभार गूगल)

13 comments:

  1. महापावन पर्व महाशिवरात्री की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएं. संजय भास्कर

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  2. दिल की है ये तमन्ना , बहुत खुब , आपके ब्लोग गाना भी सुन्दर लग है , दिल तो बच्चा है ।

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  3. आपकी खूबसूरत तमन्ना पूरी हो.

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  4. mn ka kya hai mn jb chahe jhan bhi ud jata hai
    kitna bhago is ke pichhe hath nhi aata hai
    bhut bandhne ki koshish rhti hai jnjiron se
    kitni koshish kr lene pr kon bandh pata hai
    dr.vedvyathit@gmail.com
    http://sahityasrajakved.blogspot.com

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  5. "चलो आज खुल के हंस ले
    दिल की है ये तमन्ना"
    "हँसकर जीना" यही सच्चा जीवन मार्ग है - सच्ची और अच्छी रचना

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  6. Bahut Sundar....Badhai!!
    http://kavyamanjusha.blogspot.com/

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  7. दिल तो बच्चा है जी...

    जय हिंद...

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  8. सुन्दर कवितायें बार-बार पढने पर मजबूर कर देती हैं. आपकी कवितायें उन्ही सुन्दर कविताओं में हैं.

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  9. behad khoobsurat rachna hai... antim do panktiyan.. man ko bhaa gayi..
    pata hai aapke liye khush khabri hai jab online aayengi tab btaunga..
    meet

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