Friday, January 15, 2010

सूर्यग्रहण पर स्टार न्यूज में जीता तर्कशास्त्र, खास बहस में पीछे रहा ज्योतिषशास्त्र


आज सूर्यग्रहण है इस बारे में कल से कई जगह चर्चा चल रही थी। कोई फिक्र कर रहा था तो कोई इस बारे में सोच भी नहीं रहा था। वहीं दूसरी तरफ मेरे पतिदेव इस बात से चिंतित थे कि ग्रहण लगने से पहले ही सब काम कर लिए जाएं और साथ ही भोजन वगैरा भी कर लिया जाए। क्योंकि उनका मानना था कि ऐसी मान्यताएं हैं कि ग्रहण के वक्त खाना नहीं खाते।


ग्रहण के कारण पतिदेव ने बेटे की छुट्टी भी करवा दी कि कहीं स्कूल में वो सूर्य को ना देख ले नंगी आंखों से। ये हिदायत मुझे ठीक भी लगी और मैंने भी बेटे को इज्जात दे दी। 


सुबह प्लान था कि जल्दी उठ कर काम खत्म कर लेंगे। पर पता नहीं हर दिन जल्दी उठने वाले हम आज 8.30 बजे के बाद उठे। जल्दी-जल्दी करते हुए भी 11 बजे तक ही खा पीकर निपट सके।
पतिदेव परेशान हो गए कि ग्रहण लगने के बाद कुछ खाया-पिया है कहीं कुछ होगा तो नहीं। टीवी चल रहा था सभी न्यूज चैनलों पर खबरों नहीं सिर्फ और सिर्फ सूर्यग्रहण चल रहा था। शायद आज और कोई खबर थी ही नहीं। 




सभी चैनलों पर तस्वीरें दिखाई जा रहीं थी। रिमोट को स्टार न्यूज की तरफ किया तो देखा कि वहां पर तीन देवियां, ज्योतिषाचार्य, वैज्ञानिक, तर्कशास्त्री सभी एक ही मंच पर मौजूद थे।

आचार्य अनिल वत्स-ज्योतिषाचार्य, अशोक वासुदेव-दर्शनशास्त्री-अर्थशास्त्री, प्रेम कुमार शर्मा-ज्योतिषी, तीन देवियां, लारा, सनल-तर्कशास्त्री, श्याम मानव-तर्कशास्त्री, सोमेश-अंकशास्त्री और हस्त विद्या, नोटियाल-वैज्ञानिक एक ही मंच पर मौजूद थे।


ज्योतिष कह रहे थे कि ग्रहण के बाद कुछ ना खाएं और बाहर निकलने पर पाबंदी लगाए जिसे तर्कशास्त्री और वैज्ञानिक अंधविश्वास को बढ़ावा देने की बात कह कर नाकार रहे थे। मुझे देख कर तो बहुत ही अच्छा लगा। मेरे मियां जी की तो बोलती बंद हो गई कि अब क्या कहें। 

कुछ ना खाएं-ज्योतिषी। हम खाएंगे भी और पीएंगे भी-वैज्ञानिक। और तर्कशास्त्रियों ने ये कर के भी दिखा दिया। फिर छिड़ी बहस और बहस लंबी चली। 8-9 ज्योतिषियों से भिड़ चुके थे 4 तर्कशास्त्री और वैज्ञानिक। कोई पीछे नहीं हट रहा था। 


फिर तर्कशास्त्री सनल के बारे में भविष्यवाणी करने लगे। और ऐसी बातें बताने लगे जो कि बेवकूफ पूर्ण थी। वो सनल का स्वाभाव बताने लगा जिसे कि मेरे पति ने भी माना कि स्वाभाव के बारे में बताना ज्योतिष नहीं हुआ। फिर सनल की निजी जिंदगी के बारे में कमेंट कर दिया कि उनका वैवाहिक जीवन सही नहीं है। उन्हें पता था कि सनल अपनी वैवाहिक जिंदगी को यहां पर नहीं उछालेंगे पर सनल ने ये चैलेंज भी स्वीकार किया। ज्योतिषों ने बोला कि हम तो सनल की पत्नी से ही जानेंगे। 


ज्योतिषियों ने पत्नी से बात की और पत्नी ने हर दावों को दरकिनार कर दिया। तो नया तर्क गढ़ दिया गया कि पत्नी कैसे मीडिया और लाखों लोगों के सामने इस बात को मानती कि मतभेद है। तो अनिल वत्स की भविष्यवाणी गलत हो गई तो रागनी नाम की दूसरी ज्योतिष ने कहा कि इनका वैवाहिक जीवन बहुत अच्छा चल रहा है पर पत्नी के अलावा किसी और सुंदर महिला के साथ उनके संबंध हैं। यानी कि चित भी मेरी पट भी मेरी। ज्योतिषियों ने ये साबित कर दिया कि कैसे भी जीतना है। 


फिर एक भारद्वाज ज्योतिष ने फोन पर एक फूहड़ सा सवाल सनल से पूछा कि क्या आपकी मां हैं? हां है। तो सवाल था कि 2008-2009 में उनकी आंखों में तकलीफ हुई या फिर वो चश्मा लगाती हों और घुटने में दर्द रहता होगा। कोई उन ज्योतिष से पूछे, कि 73-74 की उम्र में किस को ये दिक्कत नहीं होगी। ये तो फूहड़ सवाल था। 


आप बहुत अच्छे स्वाभाव और दिल से साफ व्यक्ति हैं पर मन से बहुत कठोर हैं। क्या ये भविष्यवाणी हो गई। नहीं।


स्टार पर 8-9 ज्योतिषों के फूहड़ और बेतुकी बातों को तर्कशास्त्रियों ने अपने तर्कों से फेल कर दिया। और कुछ महिला ज्योतिष तो बिन बात के ताली बजाती। उन्होंने अपने धंधे को चलाने के लिए हर कुतर्क गढ लिए। बस बात इतनी लगी कि सूर्यग्रहण से बात कहीं और ही चली गई।
अभी सूर्यग्रहण खत्म होने में आधा घंटा है। जो सूर्यग्रहण खत्म होने तक कुछ भी नहीं खाने की बात कर रहे थे यानी मेरे पति अब चाय बनाने किचन में जा चुके हैं। चलो, सुधरें तो।



प्रीती बङथ्वाल तारिका
 
(चित्र साभार-गूगल)

23 comments:

  1. हां जी आज यह देखा ...ग्रहण का एक पहलु इस बहस को बताया गया ...

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  2. अपना अपना भाग्‍य ही तो है .. जो साबित नहीं कर सकता .. उसे मौका दिया जाता है .. और जो चैलेंज स्‍वीकारने को तैयार है .. उसे कहीं भी मौका नहीं मिल पाता !!

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  3. बहुत खूब!
    पर ये विज्ञानी तो थोड़ी देर रहे टीवी पर बाकी तो ज्योतिषी और साधु ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के तरीकों का ही प्रचार करते रहे। चैनल ने अंधविश्वासियों और विज्ञानियों दोनों का विश्वास जीत लिया और अपनी दुकानदारी भी कर लीष (आप ने बीच बीच में आ रहे कमर्शियल्स का उल्लेख नहीं किया, जब कि टीवी चैनलों के प्राण तो वहीं बसते हैं)

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  4. Dekhiye, bahas-mubahas se nishkarsh kabhi nahi nikalta,,hnaa vo hame sochane par mazboor jaroor kartaa he. kyaa sahi he, kya galat..isaka sach aapkaa jo man kahataa he vahi hota he../ jyotish aour vegyanik ke beech bahas aaj ki nahi he, mujhe kahane me hichak nahi hoti ki dono andhvishvaas me jeete he./ shodh hote he, dono aour se hote he...in shodho ko aapka man kyaa kahataa he, yaa ki aap kis par vishvaas rakhate he yah jroori he..kisi ne kah diyaa aour vo maan liya, ynhaa bahas is baat ki jyadaa hoti he, mera mananaa he ki aapka voshvaas kyaa kahtaa he, aap ishvarvaadi he, shaastravaadi he yaa vigyaanvaadi?
    aour dusari baat- aaj kaa media hame jaagrat nahi kartaa..vo apnaa kaam kartaa he jisase pesa kamayaa jaa sake. agar vo jagrat kartaa to tamaam channel vaale ek saa kaarykram karne ki thaante..par esa thik usi tarah he jis tarah yah bhed karnaa ki jyotish sahi he yaa vigyaan sahi he///////
    aapko pahale taya yah karnaa he ki andhvishvaas kyaa hota he? sidhi paribhashaa he ki vishvaas ki ati honaa, jisake aage piche kuchh manane ke liye tayaar naa rahaa jaaye../ to pls aap is par bhi vichaar kare ki kyaa vigyaan andhvishvaas me nahi ji rahaa? kyaa vegyaanik apne vishvaas ko sahi karaar dene ke liye ati vishvaasdhaari nahi ban gaye? kyaa unka vishvaas andhvishvaas nahi ban gayaa???
    ve kis shodh ki baat karte he, ese kai mamale he jin par unke shodh yaa unaki baate bhi nirarthak saabit hui he../
    mera kahnaa yah bilkul nahi he ki vigyaan galat he aour jyotish sahi, me sirf yah kahnaa chahtaa hu ki vishvaas hamaaraa honaa chahiye. hame ishvar ne dimaag diyaa he, sochane samjhne ki shakti di he, uskaa istmaal kare, aour fizul ki bahas ko achha yaa buraa kah kar nishkarsh nikalne ki bekaar koshish nahi karna hitkar he..///
    yadi aap dono paksho ko gambhirtaa se padhhe..yaano gahan adhdhyan kare to bahut si baato ka khulasa ho sakataa he.
    baharhaal, aapkaa manthan aapke liye uchit he..aapka paksh yaa jesa ki aapne kahaa aapke pati ka paksh jeetaa yaa haaraa..jesa kuchh nahi hona chahiye. ham bharat desh ke vaasi he jnhaa hamara itihaas, vedo-purano se nikalaa he aour vigyaan bhi bahut praachin he...../ magar kabhi aarybhatt ne hamare shastro ko nakaaraa nahi..kabhi bhabha ne vedo -purano yaa shastro ki aalochna nahi ki.., sab apnaa kaam karte rahe, karanaa bhi chahiye..yahi hamaaraa farz hota he../ kher../

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  5. ji han aaj ye nazara bhi dekha sooryagrahan se bhi jyada dramatic tha.

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  6. तो इस तरह बीता आपका सूर्यग्रहण -रोचक

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  7. प्रिय तारिका जी,
    हमने वो बहस पूरी देखी और जैसा कि आदरणीय गुरू जी दिनेशजी ने बतलाया के ब्रेक्स समेत।
    और उस बहस का सार आपके इस लेख के उनवान (शीर्षक) में ही अमेण्ड करके बतलाए देते हैं और वो ये है :-
    "सूर्यग्रहण पर स्टार न्यूज़ में जिताया गया कुतर्क-शास्त्र को, बनावटी और झूठी बहस में हराया गया ज्योतिष शास्त्र को।"

    यदि आपने माईन्यूटली ऑब्ज़र्व किया हो तो जब सनल जी की बीबी ने बहुत देर तक लाईन कनेक्ट होने के बाद भी आन्सर नहीं दिया था तो मि. सनल के चेहरे पर हवाइयाँ साफ़ देखी जा सकती थीं। और उनके आन्सर पासिटिव आने के बाद भी उन्हें सामान्य होने में बहुत देर लगी थी और इसी से समझ में आ रहा था के वे झूठ बोल रहे थे।
    रागिनी जी की बात का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था और बगलें झांक रहे थे। दरअस्ल उस अन्य रिश्ते की वजह से ही सनल के जीवन में बवंडर मचा है और जिसे कुतर्कशास्त्री होने की वजह से वे सिरे से ख़ारिज कर रहे थे। ये सरासर स्टार न्यूज़ की साज़िश थी जिसमें कुतर्कशास्त्री तो तैयारी से आए थे और ज्योतिषियों को संभलने का कोई मौका नहीं दिया गया और चूँकि उन ज्योतिषियों में गणितज्ञ, बयोलोजिस्ट आदि आदि सब थे मगर कोई आदरणीय दिनेश जी या हमारे जैसा वक़ील नहीं था वरना आज की बहस का नतीजा इसके उलट होता। हा हा ।
    आपको और आपके परिवार को मकर-संक्रांति पर्व पर बहुत बहुत शुभकामनाओं सहित।

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  8. रोचक!! आपको और आपके परिवार को मकर-संक्रांति पर्व पर बहुत बहुत शुभकामना.

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  9. मैने यह प्रोग्राम नहीं देखा था .. इस कारण आपकी बातों को सत्‍य समझ बैठी .. ज्‍योतिषियों की परीक्षा लेते समय बहुत दावंपेंच खेले जाते हैं .. एक बार मैने इसपर पोस्‍ट भी लिखी है !!

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  10. कहीं कुछ प्रायोजित तो नही था? वैसे मैने वो प्रोग्राम नही देखा है. बस बवाल भाई की टिप्पणि से अंदाज लगा रहा हूं.

    रामराम.

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  11. रोचक रहा...चलो, इसी बहाने आपको चाय मिल गई वरना अभी आधे घंटे और......:)

    शुभकामनाएँ.

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  12. are ye to sidha sadha,aaj kee bhasa me imandari ka business hai. karobar hai ab to grahan bhee.narayan narayan

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  13. मैंने भी बीच में देखा | दो चार मजबूत किस्म के लोग बैठे हुए ज्योतिषियों को घेरे हुए थे और गन्दी गन्दी तरीके से अपनी बात मनवाने पर तुले हुए थे. ऐसा लग रहा था की वो अपना तर्क नहीं रख पा रहे हैं इसलिए वो अपने स्थान पर से उठ कर ज्योतिषियों के सामने खड़े होकर जोर जोर से चिल्ला रहे थे. मुझे अभी पता चला की वो वैज्ञानिक और तर्काशाश्त्री थे. क्या अपने देश में ऐसे वैज्ञानिक और तर्काशाश्त्री हैं? बेहद निराशा हुई ये जान कर. वो बेहद हताश और राजनीतिज्ञों की तरह हताश होकर अपनी बात चिल्ला चिल्ला कर कर रहे थे. दूसरी तरफ तथाकथित ज्योतिषी बड़े सहज और अपने स्थान पर बैठे नज़र आये. तर्काशाश्त्री बेतरतीब बिना लिंक और sequence की अपनी बाते कहते चले जा रहे थे. वो बार बार एक ही सवाल कर रहे थे की prove करो. हलाकि मैं ज्योतिषी में बहुत ज्यादा विश्वाश नहीं करता बस मानने भर. लेकिन उन तर्किको को देख कर ऐसा लग रहा था की वो उन सहज और शांत रूप से जवाब दे रहे ज्योतिषियों के सामने बौने नजर आ रहे हो.

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  14. धन्यवाद सरवेश जी,
    जो हम कहने से रह गए वो आपने पूरा कर दिया जी।
    यही हुआ बस यही हुआ। और आपकी ये बात इस बह्स का सटीक ऑब्ज़रवेशन है कि "उन तर्किको को देख कर ऐसा लग रहा था की वो उन सहज और शांत रूप से जवाब दे रहे ज्योतिषियों के सामने बौने नजर आ रहे थे".

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  15. http://sanskaardhani.blogspot.com/2010/01/blog-post_15.html

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  16. नमस्कार आपके ब्लॉग पर पहली बार टिप्पणी दे रहा हू .बड़े इंतजार के बाद आपके ब्लॉग पर पोस्ट पढ़ने को मिली अधिकतर आपकी काव्य रचना ही पढ़ने को मिलती है पर मेरे मतानुसार जब आप गद्य लिखती है तो वो पोस्ट रोचक बन पड़ती है उदाहरण आपकी ब्लॉग की शुरुआती पोस्ट्स है जो बड़ी ही सहज पर सटीक हैं मैंने सभी एक ही साँस मे पढ़ डाली थी

    आज जो आपने विषय उठाया वह कार्यक्रम मैंने भी पूरा देखा और आपकी अधिकांश बातों से सहमत हूँ पर दोनों ही पक्षों ने बहस के दौरान मर्यादा का उल्लंघन किया

    विज्ञान के क्षेत्र से होने के नाते मैं तर्क शास्तियों से पूरी तरह सहमत हू पर ज्योतिष भी एक जटिल विद्या है और उसे समझने वाले भी विद्वान हैं यदि आप किसी विद्या के नियमो से सहमत नहीं तो भी उसके विद्वानों को धोखेबाज या झूठा कहना गलत है
    इससी तरह ज्योतिषी भी जब सच नहीं साबित हुए तो बेहूदे आरोपोपर उतार आए और ये बहस एक बड़ा हल्ला बन कर रह गयी सब अपनी ढपलि अपना राग बाजा रहे थे बेचारे किशोर साब तो बॉक्सिंग के एम्पायर बन गए जसकी कोई नहीं सुनता

    विज्ञान और ज्योतिष के बारे मे यही कह सकते हैं

    ज्योतिष भविष्य बता सके या नहीं पर विज्ञान भविष्य बनाता है

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  17. SURYA GRAHAN KE SAMAY KUCH BHI NA KHANE KE PICHE EK VAIGYANIK TARK HUMARE BUZURG DETE HAI KI " SURYA GRAHAN KE SAMAY PRAKASH KAM HONE YA NA HONE KI STITHI ME DHARTI SE KAI vIRUS yA VISHANU KEH LE JAGRAT HO KAR BHUMI AVAM JAL KO DUSHIT KARTE HAI, DUSARA YAH KI JAB CHANDRAMA SURYA AUR PRITHVI KE BEECH ME AATA HAI TAB SURYA AUR CHANDRA DONO KE PRAKASHA KI KIRNE AAPAS ME KRIYA KAR KUCH HANIKARAK KIRNO KA UTSARJAN KARTI HAI JISASE PRANIYO KE NUKSAAN PAHUCHTA HAI..... LEKIN IN SAB BATO KO DHARMIK RANG DENA GALAT HAI..... JYOTISH KE SAMPOORN GADANA ITNI ASSAN HAI .... YE AAJ KAL KE JYOTISH LAPTOP LEKAR BAITH JATE HAI AUR DUNIA KA BHAIVSHYA BATATE HAI LEKIN INKI BHAVISHYA VANI VIRODHBHAS SE BHARI HOTI HAI...
    AAP KISSI BHI NEWS CHANNEL ME DEKHIYE KOI NA KOI BABA AJJEB SI VESHBHOOSH ME GALE FAD FAD KAR LOGO KO DARATA NAZAR AAYEGA.... ARE BHAI MAI POOCHTA HU INSE KI AGAR AAPKE BHAISHYA VANI ME ITNA HI DAM HAI TO BATA DO LADEN KAHA HAI YA DAUD KAHA CHIPA BAITHA HAI? DESH ME KAB KAB AATANKI HAMLE HO SAKTE HAI? TAKI HUMARI SENA PEHLE SE ALERT HO JAYEE.........
    KHAIR INKE PASS KOI JAWAB NAHI HAI HOGA......
    WAISE CHANNEL WALLE INKE BHAROSE BHOLE BHALE LOGO KO BEVKOOF BANA KAR APNI JEB GARAM KAR RAHE HAI BAS.....

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  18. जब भी किसी विषय पर बहस , ईमानदार न होकर बेईमान हो, उसे स्वस्थ बहस नहीं माना जा सकता , और यह चैनल तो सिर्फ अपनी टी आर पी बढ़ने के अलावा और किसी विषय के साथ न्याय नहीं कर पा रहे , बेतहाशा पैसे होने के कारण इनसे न्याय की उम्मीद करना सिर्फ बेवकूफी होगी !
    सादर !!

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  19. बहुत ही सटीक अभिव्यक्ति ....बहुत अच्छा लगा .... भाग्य अपने कर्मो से बनाया या बिगाड़ा जा सकता है ...स्टार न्यूज़ की बहस मैंने भी देखी थी पंडित लोग दांये बांये और देख रहे थे उनसे उत्तर देते नहीं बन रहे थे ...

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  20. माफ़ करें लेकिन आपकी पोस्ट लिखने से पहले ज्योतिष शाश्त्र के प्रति कोई अच्छी धारणा नहीं थी वरना आप बिना किसी भेद भाव के अपनी पोस्ट लिखती और रीडर्स की प्रतिक्रया देखती ! आपको वो सब दिखाई नहीं दिया जो बवाल जी और सर्वेश जी अपनी टिप्पणी में कहा है !!!
    फिर तर्कशास्त्री सनल के बारे में भविष्यवाणी करने लगे। और ऐसी बातें बताने लगे जो कि बेवकूफ पूर्ण थी। वो सनल का स्वाभाव बताने लगा जिसे कि मेरे पति ने भी माना कि स्वाभाव के बारे में बताना ज्योतिष नहीं हुआ। फिर सनल की निजी जिंदगी के बारे में कमेंट कर दिया कि उनका वैवाहिक जीवन सही नहीं है। उन्हें पता था कि सनल अपनी वैवाहिक जिंदगी को यहां पर नहीं उछालेंगे पर सनल ने ये चैलेंज भी स्वीकार किया। ज्योतिषों ने बोला कि हम तो सनल की पत्नी से ही जानेंगे।

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  21. acchi bahas ka rochak mudda
    bahut bahut abhar

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  22. देर से आया लेकिन रोचक और सार्थक लगा.

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  23. कुछ खास नहीं, यह सब टीआरपी बढाने का खेल है, बाद में तो सब एक साथ चाय की चुस्‍की लेते हैं, टोटली टाइम खराब करने वाली बात है ऐसे प्रोग्राम देखना

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