Saturday, August 29, 2009

कुछ प्यार की बातें होती............





सबसे पहले तो बहुत दिनों बाद आने के लिए आप सभी से माफी चाहूंगी। अब क्या करें कम्प्यूटर ही चलने को राजी नहीं था। जैसे ही ऑन करते शुरू होने से पहले ही बन्द हो जाता। बहुत हाथ जोङने के बाद अब इसका मूड ठीक हुआ है तो इससे पहले कि ये दुबारा बिदके अपनी पोस्ट डाल रही हूं ।




कुछ प्यार की बातें होती,
तो अच्छा था,
कुछ टकरार की बातें होती,
तो अच्छा था,
मन मचल-मचलता होता,
तो अच्छा था,
कुछ दिल भी थिरकता होता,
तो अच्छा था,
कहना तुम भी चाहते,
और हम भी थे,
बस बात शुरू तो होती,
तो अच्छा था,
यूं बीत गया चुपके से,
ये सारा दिन,
ये दिन ना बीता होता,
तो अच्छा था।
कुछ प्यार की बातें होती,
तो अच्छा था।
..............
प्रीती बङथ्वाल “तारिका”
(चित्र- साभार गूगल)

19 comments:

  1. बेहतर..।बेहतरीन...।आभार।

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  2. सुन्दर-सुन्दर! कुछ न कुछ होते रहना चाहिये। कम्प्यूटर ठीक बना रहे यही दुआ है!

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  3. सच्ची सी सुन्दर रचना।

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  4. सही कहा, निरंतरता बनी रहनी चाहिए, विराम अच्छा नहीं होता ! "टकरार" टंकण अशुदी को ठीक कर दे तो और सुन्दर लगेगी रचना !

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  5. यूं बीत गया चुपके से,
    ये सारा दिन,
    ये दिन ना बीता होता,
    तो अच्छा था।
    कुछ प्यार की बातें होती,
    तो अच्छा था।

    दोबारा से आप को पढना अच्छा लगा प्रीती जी...
    जारी रखियेगा...अब
    मीत

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  6. कंप्यूटर नया लेलो ना.. सारी झंझट ही ख़त्म...

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  7. कहना तुम भी चाहते,
    और हम भी थे,
    बस बात शुरू तो होती,
    तो अच्छा था ...

    Waah ! Kya khuub likhtii hein ! Badhaayee!!!

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  8. बस बात शुरू तो होती
    तो अच्छा था...
    मगर मल्लिकाए कविता आप इतने दिनों के बाद न आया करें... बधाई...

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  9. कामनाओ की इस रचना ने बहुत कुछ कहा

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  10. बहुत सुंदर रचना. और कंप्युटर के अच्छे स्वास्थ्य हेतु शुभकामनाएं. आजकल देंगू बुखार चल रहा है जरा कंप्युटर को बचा कर रखियेगा.:)

    रामराम.

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  11. सुन्दर रचना...bahut achha likha hai

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  12. वैसे ऊपर आपको इतने नामों से नवाजा गया कि अब क्या कहें । बस इतना कहते हैं कि आप जरा जल्दी जल्दी लौटा करें। हो सके तो थोड़ा ज्यादा लिखा करें। अपने लिए नहीं तो हम पढ़ने वालों के लिए ही सही। सुंदर रचना।

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  13. Bahut ho acha lekha hua hai apne..Dedi ji...please ese hi lekti rahiye....

    Muje bhi apke blog se bahut kuch sekhne ko mil raha hai..
    Muje apki help chahiye thi but aap chaho to....

    ur Brother Harish Bisht..

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  14. Please dedi contte me my mail id bishtb50@gmail.com
    I'm online 10:00am to 6:00 pm

    muje apse kuch puchna hai jo me ese nahi puch sakta ho .

    Ur Brother Harish Bisht

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