सबसे पहले तो बहुत दिनों बाद आने के लिए आप सभी से माफी चाहूंगी। अब क्या करें कम्प्यूटर ही चलने को राजी नहीं था। जैसे ही ऑन करते शुरू होने से पहले ही बन्द हो जाता। बहुत हाथ जोङने के बाद अब इसका मूड ठीक हुआ है तो इससे पहले कि ये दुबारा बिदके अपनी पोस्ट डाल रही हूं ।
कुछ प्यार की बातें होती,
तो अच्छा था,
कुछ टकरार की बातें होती,
तो अच्छा था,
मन मचल-मचलता होता,
तो अच्छा था,
कुछ दिल भी थिरकता होता,
तो अच्छा था,
कहना तुम भी चाहते,
और हम भी थे,
बस बात शुरू तो होती,
तो अच्छा था,
कुछ प्यार की बातें होती,
तो अच्छा था,
कुछ टकरार की बातें होती,
तो अच्छा था,
मन मचल-मचलता होता,
तो अच्छा था,
कुछ दिल भी थिरकता होता,
तो अच्छा था,
कहना तुम भी चाहते,
और हम भी थे,
बस बात शुरू तो होती,
तो अच्छा था,
यूं बीत गया चुपके से,
ये सारा दिन,
ये दिन ना बीता होता,
तो अच्छा था।
कुछ प्यार की बातें होती,
तो अच्छा था।
ये सारा दिन,
ये दिन ना बीता होता,
तो अच्छा था।
कुछ प्यार की बातें होती,
तो अच्छा था।
..............
प्रीती बङथ्वाल “तारिका”
(चित्र- साभार गूगल)
बेहतर..।बेहतरीन...।आभार।
ReplyDeleteसुन्दर-सुन्दर! कुछ न कुछ होते रहना चाहिये। कम्प्यूटर ठीक बना रहे यही दुआ है!
ReplyDeletewaah preeti ji kya khayaal hain...
ReplyDeleteसच्ची सी सुन्दर रचना।
ReplyDeleteसही कहा, निरंतरता बनी रहनी चाहिए, विराम अच्छा नहीं होता ! "टकरार" टंकण अशुदी को ठीक कर दे तो और सुन्दर लगेगी रचना !
ReplyDeleteयूं बीत गया चुपके से,
ReplyDeleteये सारा दिन,
ये दिन ना बीता होता,
तो अच्छा था।
कुछ प्यार की बातें होती,
तो अच्छा था।
दोबारा से आप को पढना अच्छा लगा प्रीती जी...
जारी रखियेगा...अब
मीत
कंप्यूटर नया लेलो ना.. सारी झंझट ही ख़त्म...
ReplyDeleteकहना तुम भी चाहते,
ReplyDeleteऔर हम भी थे,
बस बात शुरू तो होती,
तो अच्छा था ...
Waah ! Kya khuub likhtii hein ! Badhaayee!!!
बस बात शुरू तो होती
ReplyDeleteतो अच्छा था...
मगर मल्लिकाए कविता आप इतने दिनों के बाद न आया करें... बधाई...
Bhut pyaree kavita likhee hai.
ReplyDelete( Treasurer-S. T. )
कामनाओ की इस रचना ने बहुत कुछ कहा
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना. और कंप्युटर के अच्छे स्वास्थ्य हेतु शुभकामनाएं. आजकल देंगू बुखार चल रहा है जरा कंप्युटर को बचा कर रखियेगा.:)
ReplyDeleteरामराम.
सुन्दर रचना...bahut achha likha hai
ReplyDeleteवैसे ऊपर आपको इतने नामों से नवाजा गया कि अब क्या कहें । बस इतना कहते हैं कि आप जरा जल्दी जल्दी लौटा करें। हो सके तो थोड़ा ज्यादा लिखा करें। अपने लिए नहीं तो हम पढ़ने वालों के लिए ही सही। सुंदर रचना।
ReplyDeleteAmazing.....write regularly..
ReplyDeleteBahut ho acha lekha hua hai apne..Dedi ji...please ese hi lekti rahiye....
ReplyDeleteMuje bhi apke blog se bahut kuch sekhne ko mil raha hai..
Muje apki help chahiye thi but aap chaho to....
ur Brother Harish Bisht..
Please dedi contte me my mail id bishtb50@gmail.com
ReplyDeleteI'm online 10:00am to 6:00 pm
muje apse kuch puchna hai jo me ese nahi puch sakta ho .
Ur Brother Harish Bisht
Rainbow in Hindi
ReplyDeleteSea Level in Hindi
Famous Temples of India in Hindi
fingerprint in Hindi
republic day quotes shayari in Hindi
toothbrush in Hindi
Light Year in Hindi
Hollywood History in Hindi
Flowers in Hindi
ReplyDeleteSolar Coocker in Hindi
Black Hole in Hindi
Why Sky Dark at night in Hindi
Group discussion in Hindi
Brain in Hindi
Satellite in Hindi
Calibration in Hindi