बिलकुल सच्चा है जी,
कुछ मचलता है और,
कुछ फिसलता है जी,
दिल तो बच्चा है जी।
थोङा कच्चा है जी।
कुछ की चाहत में ये,
यूं ही खोता रहे,
न मिले कुछ अगर,
फिर तो रोता रहे,
पाने की चाह में,
यूं बिलखता है जी,
दिल तो बच्चा है जी।
थोङा कच्चा है जी।
कभी मुस्कुराए यूं,
छोटी सी बात में,
कभी शरमाये यूं,
बिन किसी बात में,
अपनी खिलती हंसी में,
महकता है जी,
दिल तो बच्चा है जी।
थोङा कच्चा है जी।
कोई याद पुरानी सी,
आ जाए जो,
और आंख में पानी सा,
भर जाए जो,
एक धुंधला सा सपना,
कह उठता है जी,
दिल तो बच्चा है जी।
थोङा कच्चा है जी।
.............
प्रीती बङथ्वाल “तारिका”
(चित्र – साभार गूगल)
सच , दिल तो बच्चा ही है जी ।
ReplyDeletegane se achhi aapki yeh rachna lagi...
ReplyDeletebahut sunder... ekdam masoom
meet
वाह जी!
ReplyDeleteबिल्कुल चंचल नदी सा गीत, बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
सच्ची बात प्यारे शब्दों से कह दी।
ReplyDeleteबढियां, अच्छी रचना ,,,,,,,,
ReplyDeleteविकास पाण्डेय
www.विचारो का दर्पण.blogspot.com
Waah! Sundar
ReplyDeleteबड़ों की दुनिया देख कर
ReplyDeleteदिल कहता है
दिल तो बच्चा ही अच्छा है जी ...!!
अच्छा है जब तक बच्चा है, बड़ा होते ही कहता है दिल मांगे मोर।
ReplyDeletebahut sundar...
ReplyDeleteकोई याद पुरानी सी,
ReplyDeleteआ जाए जो,
और आंख में पानी सा,
भर जाए जो,
एक धुंधला सा सपना,
कह उठता है जी,
इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
बहुत ही भावपूर्ण निशब्द कर देने वाली रचना . गहरे भाव.
ReplyDeleteप्रीती जी ....
ReplyDeleteनमस्ते....
बहुत दिन बाद आपके ब्लॉग पर आया हूँ.....
बहुत सी कवितायेँ एक साथ पढ़ कर मन खुश हो गया है......
वैसे तो मैं पहले भी कह चूका हूँ की आप अच्छा लिखती है.....
लेकिन ये बात एक बार और दुहराने को जी करता है..........
आपकी लेखनी को नई धार प्रदान करें माँ शारदा.....
आपका
अवधेश झा
अच्छी रचना...
ReplyDeletebehtarin abhivyakti
ReplyDeleteबहुत सुंदर...जैसे शब्दों का झरना बह रहा हो.
ReplyDeleteजैसे पहाड़ से उतरा पानी !!!!!!
ReplyDeleteकुछ लिखने का वक्त आगया है।
ReplyDeleteये जोश जीवित रखिये और लिखती रहिये... :)
बहुत दिन हुये इसको लिखे हुये तो। और आगे कुछ लिखा जाये !
ReplyDeleteBhagwan kare yeh bachpana aisa hi bana rahe -full of innocence !
ReplyDeleteKya baat hai ji, sach me Dil to bachcha hi hai.
ReplyDeletehttp://www.google.com/profiles/gajesingh
ये फ़िर पढ़ा! अच्छा है जी।
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