Thursday, July 15, 2010

ऐ साथी मेरे सुन................




ऐ साथी मेरे,
सुन मेरी बात को,
साथ रहना सदा,
चाहे, कोई बात हो,
सुख का सूरज हो या,
हो दुख की काली घटा,
राह में पत्थर भी हों,
चाहे हों फुलवारियां......,
ऐ साथी मेरे,
सुन मेरी बात को।।



वो वादे तुम्हारे,
न हम भूल पाए,
तभी तो ये पलकें,
कभी मुस्कुराएं,
कभी भीग जाएं।
वो टुक टुक नजर से,
नजर को मिलाएं,
ऐ साथी मेरे,
सुन मेरी बात को।।



पहरे हजारों थे,
सभी तोङ आए,
बस.....तेरे लिए,
वो गली छोङ आए,
जहां अम्मा बाबू जी,
नित खेल खिलाते थे,
उंगली पकङ कर वो,
चलना सिखाते थे,
वो सभी छोङ आए,
सभी छोङ आए,
ऐ साथी मेरे,
सुन मेरी बात को।।
........... 
प्रीती बङथ्वाल तारिका 
(चित्र साभार गूगल)

27 comments:

  1. सारगर्भित रचना बधाई

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  2. प्रेम की गहरी अभिव्यक्ति

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  3. दर्द है पर मैं इससे इतफ़ाक नहीम रखता कि
    पहरे हजारों थे,
    सभी तोङ आए,
    बस.....तेरे लिए,
    वो गली छोङ आए,
    प्रेम में तेरे लिए कुछ नहीं होता. यही प्रेम का अहंकार है.....

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  4. मन की भावनाओं को खूबसूरती से अभिव्यक्त किया है

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  5. कुछ पाने के लिये कुछ तो छोडना ही पडता है। अच्छी लगी रचना। शुभकामनायें

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  6. आरजू चाँद सी निखर जाए।
    ज़िदगी रौशनी से भर जाए।
    बारिशें हो वहाँ पे खुशियों की
    जिस तरफ आपकी नज़र जाए।

    जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    --------
    पॉल बाबा की जादुई शक्ति के राज़।
    सावधान, आपकी प्रोफाइल आपके कमेंट्स खा रही है।

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  7. प्रीती जी
    सबसे पहले जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई एवं शुभ-कामनाएं
    प्रेम की सुन्दर एवं अच्छी प्रस्तुति
    http://sanjaykuamr.blogspot.com/

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  8. बहुत सुंदर कविता...निर्मल भावनाओं से ओत-प्रोत.

    आप की रचना 16 जुलाई के चर्चा मंच के लिए ली जा रही है, कृप्या नीचे दिए लिंक पर आ कर अपने सुझाव देकर हमें प्रोत्साहित करें.
    http://charchamanch.blogspot.com
    आभार
    अनामिका

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  9. आपको जन्मदिन की शुभकामनाँए.............पहली बार आपका ब्लॉग देखा.........."ए साथी सुन" का पॉड्कास्ट तैयार किया है ...आप तक पहूँचाना चाहती हूँ..........

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  10. मेरा मेल आई डी---archanachaoji@gmail.com

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  11. जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई।

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  12. बहुत ही सरल हृदय से लिखी ... एक अनुपम रचना ...
    गहरे ज़ज़्बात छिपे हैं इस रचना में ...

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  13. हैलो प्रीती जी

    बढ़िया रचना है सुंदर अभिव्यक्ति है
    परंतु कविता मे का की को प्रयोग करने से लय भंग होती
    लगती है

    जन्मदिन की शुभ कामनाए

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  14. वाह कितनी खूबसूरत रचना है

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  15. बहुत सुंदर लफ़्ज़ों के साथ... बहुत सुंदर कविता... दिल को छू गयी....


    www.lekhnee.blogspot.com


    Regards...


    Mahfooz..

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  16. जन्म दिवस की बधाईयां

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  17. apne vichaaron or bhaawnaaon ko sanklit kar abhvyakt karne kaa tareekaa bahut bahut bhaayaa

    JANAM DIN MUBAARAK HO

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  19. This comment has been removed by the author.

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  20. This comment has been removed by the author.

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  21. इस रचना को फिर से पढ़ा तो सबा अफ़ग़ानी जी का ये शेर याद आया

    करना ही पड़ेगा ज़ब्त ए अलम पीने ही पड़ेंगे ये आँसू
    फरियादों फुगाँ से ए नादां तौहीन ए मोहब्बत होती है

    :)

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  22. Very Nice Poems, Aapki rachnaao ke prasansha ke liye mere paas shabdo ki kami hai.

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  23. बहुत खूबसूरत कविता है

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  24. सारगर्भित रचना, मन की भावनाओं को खूबसूरती से अभिव्यक्त किया है
    आपको जन्मदिन की शुभकामनाँए

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  25. "जहां अम्मा बाबू जी,
    नित खेल खिलाते थे,
    उंगली पकङ कर वो,
    चलना सिखाते थे,
    वो सभी छोङ आए,
    सभी छोङ आए,
    ऐ साथी मेरे,
    सुन मेरी बात को।।"

    बहुत सुंदर

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