Thursday, March 11, 2010

दिल तो.........हम्मममम........






बिलकुल सच्चा है जी,

कुछ मचलता है और,

कुछ फिसलता है जी,

दिल तो बच्चा है जी।

थोङा कच्चा है जी।





कुछ की चाहत में ये,

यूं ही खोता रहे,

न मिले कुछ अगर,

फिर तो रोता रहे,

पाने की चाह में,

यूं बिलखता है जी,

दिल तो बच्चा है जी।

थोङा कच्चा है जी।





कभी मुस्कुराए यूं,

छोटी सी बात में,

कभी शरमाये यूं,

बिन किसी बात में,

अपनी खिलती हंसी में,

महकता है जी,

दिल तो बच्चा है जी।

थोङा कच्चा है जी।





कोई याद पुरानी सी,

आ जाए जो,

और आंख में पानी सा,

भर जाए जो,

एक धुंधला सा सपना,

कह उठता है जी,

दिल तो बच्चा है जी।

थोङा कच्चा है जी।
.............
प्रीती बङथ्वाल तारिका
(चित्र साभार गूगल)

22 comments:

  1. सच , दिल तो बच्चा ही है जी ।

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  2. gane se achhi aapki yeh rachna lagi...
    bahut sunder... ekdam masoom
    meet

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  3. बिल्कुल चंचल नदी सा गीत, बहुत शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  4. सच्ची बात प्यारे शब्दों से कह दी।

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  5. बढियां, अच्छी रचना ,,,,,,,,

    विकास पाण्डेय

    www.विचारो का दर्पण.blogspot.com

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  6. बड़ों की दुनिया देख कर
    दिल कहता है
    दिल तो बच्चा ही अच्छा है जी ...!!

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  7. अच्‍छा है जब तक बच्‍चा है, बड़ा होते ही कहता है दिल मांगे मोर।

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  8. कोई याद पुरानी सी,

    आ जाए जो,

    और आंख में पानी सा,

    भर जाए जो,

    एक धुंधला सा सपना,

    कह उठता है जी,


    इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....

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  9. बहुत ही भावपूर्ण निशब्द कर देने वाली रचना . गहरे भाव.

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  10. प्रीती जी ....
    नमस्ते....
    बहुत दिन बाद आपके ब्लॉग पर आया हूँ.....
    बहुत सी कवितायेँ एक साथ पढ़ कर मन खुश हो गया है......
    वैसे तो मैं पहले भी कह चूका हूँ की आप अच्छा लिखती है.....
    लेकिन ये बात एक बार और दुहराने को जी करता है..........
    आपकी लेखनी को नई धार प्रदान करें माँ शारदा.....
    आपका
    अवधेश झा

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  11. बहुत सुंदर...जैसे शब्दों का झरना बह रहा हो.

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  12. जैसे पहाड़ से उतरा पानी !!!!!!

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  13. कुछ लिखने का वक्त आगया है।

    ये जोश जीवित रखिये और लिखती रहिये... :)

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  14. बहुत दिन हुये इसको लिखे हुये तो। और आगे कुछ लिखा जाये !

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  15. Bhagwan kare yeh bachpana aisa hi bana rahe -full of innocence !

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  16. Kya baat hai ji, sach me Dil to bachcha hi hai.

    http://www.google.com/profiles/gajesingh

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  17. ये फ़िर पढ़ा! अच्छा है जी।

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