ऐ साथी मेरे,
सुन मेरी बात को,
साथ रहना सदा,
चाहे, कोई बात हो,
सुख का सूरज हो या,
हो दुख की काली घटा,
राह में पत्थर भी हों,
चाहे हों फुलवारियां......,
ऐ साथी मेरे,
सुन मेरी बात को।।
वो वादे तुम्हारे,
न हम भूल पाए,
तभी तो ये पलकें,
कभी मुस्कुराएं,
कभी भीग जाएं।
वो टुक टुक नजर से,
नजर को मिलाएं,
ऐ साथी मेरे,
सुन मेरी बात को।।
पहरे हजारों थे,
सभी तोङ आए,
बस.....तेरे लिए,
वो गली छोङ आए,
जहां अम्मा बाबू जी,
नित खेल खिलाते थे,
उंगली पकङ कर वो,
चलना सिखाते थे,
वो सभी छोङ आए,
सभी छोङ आए,
ऐ साथी मेरे,
सुन मेरी बात को।।
...........
प्रीती बङथ्वाल “तारिका”
(चित्र – साभार गूगल)
सारगर्भित रचना बधाई
ReplyDeleteप्रेम की गहरी अभिव्यक्ति
ReplyDeleteदर्द है पर मैं इससे इतफ़ाक नहीम रखता कि
ReplyDeleteपहरे हजारों थे,
सभी तोङ आए,
बस.....तेरे लिए,
वो गली छोङ आए,
प्रेम में तेरे लिए कुछ नहीं होता. यही प्रेम का अहंकार है.....
मन की भावनाओं को खूबसूरती से अभिव्यक्त किया है
ReplyDeleteकुछ पाने के लिये कुछ तो छोडना ही पडता है। अच्छी लगी रचना। शुभकामनायें
ReplyDeleteआरजू चाँद सी निखर जाए।
ReplyDeleteज़िदगी रौशनी से भर जाए।
बारिशें हो वहाँ पे खुशियों की
जिस तरफ आपकी नज़र जाए।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।
--------
पॉल बाबा की जादुई शक्ति के राज़।
सावधान, आपकी प्रोफाइल आपके कमेंट्स खा रही है।
प्रीती जी
ReplyDeleteसबसे पहले जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई एवं शुभ-कामनाएं
प्रेम की सुन्दर एवं अच्छी प्रस्तुति
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
बहुत सुंदर कविता...निर्मल भावनाओं से ओत-प्रोत.
ReplyDeleteआप की रचना 16 जुलाई के चर्चा मंच के लिए ली जा रही है, कृप्या नीचे दिए लिंक पर आ कर अपने सुझाव देकर हमें प्रोत्साहित करें.
http://charchamanch.blogspot.com
आभार
अनामिका
आपको जन्मदिन की शुभकामनाँए.............पहली बार आपका ब्लॉग देखा.........."ए साथी सुन" का पॉड्कास्ट तैयार किया है ...आप तक पहूँचाना चाहती हूँ..........
ReplyDeleteमेरा मेल आई डी---archanachaoji@gmail.com
ReplyDeleteजन्म दिन की बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteबहुत ही सरल हृदय से लिखी ... एक अनुपम रचना ...
ReplyDeleteगहरे ज़ज़्बात छिपे हैं इस रचना में ...
हैलो प्रीती जी
ReplyDeleteबढ़िया रचना है सुंदर अभिव्यक्ति है
परंतु कविता मे का की को प्रयोग करने से लय भंग होती
लगती है
जन्मदिन की शुभ कामनाए
वाह कितनी खूबसूरत रचना है
ReplyDeleteबहुत सुंदर लफ़्ज़ों के साथ... बहुत सुंदर कविता... दिल को छू गयी....
ReplyDeletewww.lekhnee.blogspot.com
Regards...
Mahfooz..
जन्म दिवस की बधाईयां
ReplyDeleteapne vichaaron or bhaawnaaon ko sanklit kar abhvyakt karne kaa tareekaa bahut bahut bhaayaa
ReplyDeleteJANAM DIN MUBAARAK HO
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ReplyDeleteइस रचना को फिर से पढ़ा तो सबा अफ़ग़ानी जी का ये शेर याद आया
ReplyDeleteकरना ही पड़ेगा ज़ब्त ए अलम पीने ही पड़ेंगे ये आँसू
फरियादों फुगाँ से ए नादां तौहीन ए मोहब्बत होती है
:)
अच्छी कविता
ReplyDeleteVery Nice Poems, Aapki rachnaao ke prasansha ke liye mere paas shabdo ki kami hai.
ReplyDeletevery nice....
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत कविता है
ReplyDeleteसारगर्भित रचना, मन की भावनाओं को खूबसूरती से अभिव्यक्त किया है
ReplyDeleteआपको जन्मदिन की शुभकामनाँए
"जहां अम्मा बाबू जी,
ReplyDeleteनित खेल खिलाते थे,
उंगली पकङ कर वो,
चलना सिखाते थे,
वो सभी छोङ आए,
सभी छोङ आए,
ऐ साथी मेरे,
सुन मेरी बात को।।"
बहुत सुंदर