न पूछो क्यों, हम नींद में,
हंसते हैं, और कभी रोते हैं,
ख्वाब में अक्सर........,
दर्द की यादों में, तो कभी,
खुशियों की महफलों में होते हैं।
यूं ही मिलते हैं हम,
जमाने से मुलाकातों में,
वर्ना तो मिलने में ही,
जमाने होते हैं,
खूबसूरत सी मुलाकात हुई हो कोई,
बस वही ख्वाब.........,
बिस्तर के सिरहाने होते हैं।
..........
(चित्र – साभार गूगल)
Ek prashansneeya kavita likhi aapne...
ReplyDeletesundar srijan..
Jai Hind
बस वही ख्वाब.........,
ReplyDeleteबिस्तर के सिरहाने होते हैं।
बिस्तर का दायित्व है कि वह हर रोज सिरहाने कोई ख्वाब रख जाये. क्या शब्द चयन किया है आपने :
यूं ही मिलते हैं हम,
जमाने से मुलाकातों में,
वर्ना तो मिलने में ही,
जमाने होते हैं,
बहुत ही सुन्दर रचना
क्या बात है...उम्दा...बहुत दिनों बाद...अब नियमित हो जाओ!!
ReplyDeleteखूबसूरत सी मुलाकात हुई हो कोई,
ReplyDeleteबस वही ख्वाब.........,
बिस्तर के सिरहाने होते हैं।
mann prasann ho gaya
behad khoobsurat.....
ReplyDeletebahut acha laga padhkar...
keep it up
meet
BAHUT HI SAHI LIKHA HAI ............JO HAMARE KHWAAB HOTE HAI WAH HAMARE CHAND MULAKATO KI HI TO DEN HOTI HAI ..........BEHAD SUNDAR RACHANA
ReplyDeleteलाजबाव, अति सुंदर रचना.
ReplyDeleteधन्यवाद
न पूछो क्यों, हम नींद में,
ReplyDeleteहंसते हैं, और कभी रोते हैं, . पूछ्ने पर भी क्या हम बता सकते है ?
अच्छा लिखा है.
Bahut Khoobsurat Rachna likhi hai aapne
ReplyDeletebehad khoobsoorat rachna......
ReplyDeleteखूबसूरत सी मुलाकात हुई हो कोई,
बस वही ख्वाब.........,
बिस्तर के सिरहाने होते हैं।
in lines ne dil chhoo liya...
aapko itne dinon ke baad dekh ke achcha laga...
बहुत सुंदर रचना.
ReplyDeleteरामराम.
शायद भगवान के पास भी आज जैसे इंसान होते तो सपनों में ही दुनिया भर की सैर कर लेते। सब से मिल आते।
ReplyDeleteखूबसूरत सी मुलाकात हुई हो कोई,
ReplyDeleteबस वही ख्वाब.........,
बिस्तर के सिरहाने होते हैं।
WOW!!
Good one, Regards,
htt://ghughuti.com/gajender
अरे वाह! इतने दिन बाद लिखा और उसे भी मैंने इतने दिन बाद देखा। वाह!
ReplyDeleteyour blog is so good . go ahead you will get sucess.
ReplyDeleteSun in Hindi
ReplyDeleteMercury in Hindi
Technology in Hindi
Venus in Hindi
Cow in Hindi