आई दिवाली, गयी दिवाली,
खुशीयां भी भर गयी दिवाली,
रंग बिरंगी रंगोली संग,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
लक्ष्मी-गणेशजी को सजा-धजा कर,
लड्डू पेङे की थाल सजा कर,
शंखनाद की गूंज में भर कर,
रोशन-रोशन हुई दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
हम भी बोले, आप भी बोले,
एक-दूजे को रस में घोले,
शुभ दिवाली-शुभ दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
खुशीयां भी भर गयी दिवाली,
रंग बिरंगी रंगोली संग,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
लक्ष्मी-गणेशजी को सजा-धजा कर,
लड्डू पेङे की थाल सजा कर,
शंखनाद की गूंज में भर कर,
रोशन-रोशन हुई दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
हम भी बोले, आप भी बोले,
एक-दूजे को रस में घोले,
शुभ दिवाली-शुभ दिवाली,
जीवन मीठा कर गयी दिवाली।
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प्रीती बङथ्वाल "तारिका"
(चित्र-सभार गुगल)