आज सूर्यग्रहण है इस बारे में कल से कई जगह चर्चा चल रही थी। कोई फिक्र कर रहा था तो कोई इस बारे में सोच भी नहीं रहा था। वहीं दूसरी तरफ मेरे पतिदेव इस बात से चिंतित थे कि ग्रहण लगने से पहले ही सब काम कर लिए जाएं और साथ ही भोजन वगैरा भी कर लिया जाए। क्योंकि उनका मानना था कि ऐसी मान्यताएं हैं कि ग्रहण के वक्त खाना नहीं खाते।
ग्रहण के कारण पतिदेव ने बेटे की छुट्टी भी करवा दी कि कहीं स्कूल में वो सूर्य को ना देख ले नंगी आंखों से। ये हिदायत मुझे ठीक भी लगी और मैंने भी बेटे को इज्जात दे दी।
सुबह प्लान था कि जल्दी उठ कर काम खत्म कर लेंगे। पर पता नहीं हर दिन जल्दी उठने वाले हम आज 8.30 बजे के बाद उठे। जल्दी-जल्दी करते हुए भी 11 बजे तक ही खा पीकर निपट सके।
पतिदेव परेशान हो गए कि ग्रहण लगने के बाद कुछ खाया-पिया है कहीं कुछ होगा तो नहीं। टीवी चल रहा था सभी न्यूज चैनलों पर खबरों नहीं सिर्फ और सिर्फ सूर्यग्रहण चल रहा था। शायद आज और कोई खबर थी ही नहीं।
सभी चैनलों पर तस्वीरें दिखाई जा रहीं थी। रिमोट को स्टार न्यूज की तरफ किया तो देखा कि वहां पर तीन देवियां, ज्योतिषाचार्य, वैज्ञानिक, तर्कशास्त्री सभी एक ही मंच पर मौजूद थे।
आचार्य अनिल वत्स-ज्योतिषाचार्य, अशोक वासुदेव-दर्शनशास्त्री-अर्थशास्त्री, प्रेम कुमार शर्मा-ज्योतिषी, तीन देवियां, लारा, सनल-तर्कशास्त्री, श्याम मानव-तर्कशास्त्री, सोमेश-अंकशास्त्री और हस्त विद्या, नोटियाल-वैज्ञानिक एक ही मंच पर मौजूद थे।
ज्योतिष कह रहे थे कि ग्रहण के बाद कुछ ना खाएं और बाहर निकलने पर पाबंदी लगाए जिसे तर्कशास्त्री और वैज्ञानिक अंधविश्वास को बढ़ावा देने की बात कह कर नाकार रहे थे। मुझे देख कर तो बहुत ही अच्छा लगा। मेरे मियां जी की तो बोलती बंद हो गई कि अब क्या कहें।
कुछ ना खाएं-ज्योतिषी। हम खाएंगे भी और पीएंगे भी-वैज्ञानिक। और तर्कशास्त्रियों ने ये कर के भी दिखा दिया। फिर छिड़ी बहस और बहस लंबी चली। 8-9 ज्योतिषियों से भिड़ चुके थे 4 तर्कशास्त्री और वैज्ञानिक। कोई पीछे नहीं हट रहा था।
फिर तर्कशास्त्री सनल के बारे में भविष्यवाणी करने लगे। और ऐसी बातें बताने लगे जो कि बेवकूफ पूर्ण थी। वो सनल का स्वाभाव बताने लगा जिसे कि मेरे पति ने भी माना कि स्वाभाव के बारे में बताना ज्योतिष नहीं हुआ। फिर सनल की निजी जिंदगी के बारे में कमेंट कर दिया कि उनका वैवाहिक जीवन सही नहीं है। उन्हें पता था कि सनल अपनी वैवाहिक जिंदगी को यहां पर नहीं उछालेंगे पर सनल ने ये चैलेंज भी स्वीकार किया। ज्योतिषों ने बोला कि हम तो सनल की पत्नी से ही जानेंगे।
ज्योतिषियों ने पत्नी से बात की और पत्नी ने हर दावों को दरकिनार कर दिया। तो नया तर्क गढ़ दिया गया कि पत्नी कैसे मीडिया और लाखों लोगों के सामने इस बात को मानती कि मतभेद है। तो अनिल वत्स की भविष्यवाणी गलत हो गई तो रागनी नाम की दूसरी ज्योतिष ने कहा कि इनका वैवाहिक जीवन बहुत अच्छा चल रहा है पर पत्नी के अलावा किसी और सुंदर महिला के साथ उनके संबंध हैं। यानी कि चित भी मेरी पट भी मेरी। ज्योतिषियों ने ये साबित कर दिया कि कैसे भी जीतना है।
फिर एक भारद्वाज ज्योतिष ने फोन पर एक फूहड़ सा सवाल सनल से पूछा कि क्या आपकी मां हैं? हां है। तो सवाल था कि 2008-2009 में उनकी आंखों में तकलीफ हुई या फिर वो चश्मा लगाती हों और घुटने में दर्द रहता होगा। कोई उन ज्योतिष से पूछे, कि 73-74 की उम्र में किस को ये दिक्कत नहीं होगी। ये तो फूहड़ सवाल था।
आप बहुत अच्छे स्वाभाव और दिल से साफ व्यक्ति हैं पर मन से बहुत कठोर हैं। क्या ये भविष्यवाणी हो गई। नहीं।
स्टार पर 8-9 ज्योतिषों के फूहड़ और बेतुकी बातों को तर्कशास्त्रियों ने अपने तर्कों से फेल कर दिया। और कुछ महिला ज्योतिष तो बिन बात के ताली बजाती। उन्होंने अपने धंधे को चलाने के लिए हर कुतर्क गढ लिए। बस बात इतनी लगी कि सूर्यग्रहण से बात कहीं और ही चली गई।
अभी सूर्यग्रहण खत्म होने में आधा घंटा है। जो सूर्यग्रहण खत्म होने तक कुछ भी नहीं खाने की बात कर रहे थे यानी मेरे पति अब चाय बनाने किचन में जा चुके हैं। चलो, सुधरें तो।
प्रीती बङथ्वाल “तारिका”
(चित्र साभार-गूगल)