जिंदगी के इस सफर में कई बार लगा कि जिंदगी ने मेरा साथ दिया और कई बार छोड़ दिया। मेरे कदम मेरी हिम्मत से भी बड़े थे। कुछ करने की ठानी तो उसे पूरा किया। अपने लिए, अपनों के लिए। जज्बात और ख्याल सिक्के के दो पहलू की तरह मेरे साथ चलते रहे, हमेशा। अपनी उन यादों को झरोखा बनाकर, सागर की उस अनंत गहराइयों से निकालकर अब बताने का वक्त आगया है, कुछ लिखने का वक्त आगया है।